अतिथि शिक्षक का मानदेय शिवराज के खजाने में कैद

टीकमगढ। प्रदेश की भाजपा सरकार के मुखिया शिवराज सिंह चौहान अपने हर कार्यक्रम में ढिंढोरा पीटते हैं बच्चो खूब मन लगाकर पढाई करो। शिवराज मामा आपके साथ है। जबकि शिक्षक विहीन शासकीय शालाएॅ वर्षो से अतिथि शिक्षक के भरोसे चल रही है। हर वर्ष अगस्त माह में अतिथि शिक्षको की नियुक्ति हो जाती थी। दैनिक कार्य के मान से मानदेय 150, माध्यमिक शाला 100, प्राथमिक शाला 180, हायरसैकेण्डरी स्कूल में के हिसाब से मिलता था। लेकिन नया सत्र प्रारंभ 15 जून 2017 से हो गया था, बाबजूद इसके अतिथि शिक्षकों की नियुक्ति नही की। बल्कि उन्हे अधर में लटकाया गया। 

सर्वप्रथम ऑनलाइन दस्तावेज मगाए गये। साथ में कार्य अनुभव इसके बाद संबंधित संकुल प्राचार्य से सत्यापित किया जाना था। सत्यापन की पहली तिथि 15 सितंबर 2017 थी जिसे आगे बढाकर 30 सितंबर कर दिया गया था। इसके बाद सत्यापन की तारीक को आगे बढाकर 10 अक्टूबर कर दिया गया था। 10 अक्टूबर 2017 तक जिला में अतिथि शिक्षक ऑन लाइन पंजीयन 5304 हुये। वैरीफाइड 5230 रिजेक्ट 74 मात्र हुये है। जबकि जिला में हर वर्ष लगभग दो हजार और तीन हजार के बीच में अतिथि शिक्षक शिक्षण कार्य कर रहे है। 

इसी प्रकार संपूर्ण प्रदेश में कुल अतिथ शिक्षक ऑनलाइन 210570 हुये है। 206448 वैरीफाइड हुये। 4122 रिजेक्ट हुये है। इतना सब कुछ करने के बाबजूद 18 सितंबर को ऑफलाइन भर्ती के निर्देश दे दिये गये। जबकि शिक्षक विहीन शालाओ में गत वर्ष के अतिथि शिक्षक सत्र प्रारंभ 15 जून से शिक्षण कार्य कर रहे है। प्रवेश लेना, पुस्तक वितरण करना, गणवेश सूची बनाना, मासिक जानकारी देना, मासिक परीक्षा लेना, आदि। कार्य करना, लेकिन अतिथि शिक्षकों की उपस्थिति पंजी नही बनाई गई थी। आपको याद दिला दे शिवराज सरकार ने अतिथि शिक्षकों को अधर में लटकाकर तीन मांह का मानदेय बचा लिया। जो प्रदेश सरकार के खजाने में कैद हो गया।

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