जयपुर। तीर्थ स्थल पर यात्रा करने वाले भारतीयों की संख्या बढ़ रही है लेकिन क्या आपको पता है की लोग सिर्फ धार्मिक और अध्यात्मिक इच्छा की पूर्ति के लिए इन स्थलों की यात्रा नहीं कर रहे हैं। एक सर्वे में कुछ एसी ही चौंकाने वाली बात सामने आयी है। जिसे सुनकर शायद आप भी तीर्थयात्रा करने का मन बना लें। एक समय था जब तीर्थ यात्रा पर अधिकांश बुजुर्ग ही जाया करते थे। पर अब समय भी बदला है और नजरीया भी बदला है। अब तीर्थ यात्रा पर बुजुर्गों से ज्यादा संख्या युवाओं की होती है। पर वो वहां सिर्फ अपनी अस्था के लिए नहीं जाते। उन्हें वहां नये अनुभवों और रोमांच की तलाश रहती है। ये बात सामने आई है एक सर्वे में।
सर्वे में क्या आया सामने
ओयो द्वारा संचालित 'कनेक्टेड पीलग्रीम्स सर्वे' के मुताबिक, "अधिकांश यात्री जब अपने धार्मिक प्रतीकवाद के लिए किसी पारंपरिक स्थल की यात्रा करते हैं, तो सभी तरह के अनुभव की मांग करते हैं। सर्वेक्षण में 11 शहरों- दिल्ली-एनसीआर, हैदराबाद, जयपुर, पटना, बेंगलुरु, चेन्नई, लखनऊ, मुंबई, पुणे, अहमदाबाद और कोलकाता के 1,700 लोगों को शामिल किया गया था।
मात्र 55% लोग ही धार्मिक आस्था के कारण जाते है तीर्थ
सर्वेक्षण में पता चला है कि लगभग 65 प्रतिशत लोग धर्म या आध्यात्मिकता के अलावा अन्य कारणों से तीर्थ यात्रा के लिए जाते हैं, जबकि 55 प्रतिशत तीर्थयात्रा के लिए इन स्थलों पर जाते हैं। ओयो के संस्थापक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी रीतेश अग्रवाल ने कहा कि धार्मिक स्थलों की यात्रा घरेलू यात्रा कारोबार का सबसे बड़ा खंड है।
पिछले कुछ सालों में इन स्थानों की यात्रा में सुधार देखने को मिला है, खासकर युवा इन स्थलों पर अन्य अनुभवों के लिए यात्रा करते हैं- जैसे कला और शिल्प के लिए पुष्कर, राफ्टिंग में ऋषिकेश और व्यंजनों का आनंद के लिए लोग अमृतसर जाते हैं।