नई दिल्ली। अब तक पाकिस्तान में जितनी भी सरकारें रहीं उन पर आतंकवादियों को समर्थन देने का आरोप लगता रहा परंतु पाकिस्तान का कोई भी प्रधानमंत्री अब तक किसी आतंकवादी संगठन का सदस्य नहीं रहा लेकिन अब ऐसा नहीं होगा। पाकिस्तानी फौज एक नई रणनीति पर काम कर रही है। वो आतंकवादी संगठनों से आने वाले नेताओं को चुनावी राजनीति में उतारने की तैयारी कर रही है।
दरअसल पाकिस्तान में पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की सीट पर होने वाले उप चुनाव में आतंकी समर्थित पार्टी का उम्मीदवार चुनाव लड़ रहा है, जिसे एक पूर्व सैन्य अधिकारी ने सेना का प्लान बताया है। बता दें कि हाल ही में नवाज शरीफ को सुप्रीम कोर्ट की ओर से पद से बर्खास्त कर दिया गया था और अब उस पद पर रविवार (17 सितंबर) को उप चुनाव है। इस उप चुनाव में 2008 मुंबई धमाकों के आरोपी हाफिज सईद के संगठन द्वारा लॉन्च की गई पार्टी मिल्ली मुस्लिम लीग का पसंदीदा उम्मीदवार भी अपनी किस्मत आजमा रहा है।
सेवानिवृत लेफ्टिनेंट जनरल अमजाद का कहना है कि सईद की इस्लामिक चैरिटी का राजनीति में आना पाकिस्तानी सेना की उस नीति का हिस्सा है, जिसे खुद नवाज शरीफ ने पिछले साल नामंजूर किया था। बता दें कि सईद की धार्मिक चैरिटी ने मिल्ली मुस्लिम लीग पार्टी का निर्माण शरीफ के बर्खास्त होने के दो हफ्ते बाद ही कर दिया था।
लाहौर से उम्मीदवार याकूब शेख को पहले मिल्ली मुस्लिम लीग ने याकूब शेख को अपना उम्मीदवार घोषित किया था। हालांकि पाकिस्तान के चुनाव आयोग ने कहा था कि मिल्ली मुस्लिम के कानूनी रूप से पंजीकृत न होने की वजह से वह इस उपचुनाव में नहीं उतर सकती। जिसके बाद याकूब निर्दलीय ही चुनाव मैदान में उतर रहे हैं, उन्हें पार्टी से समर्थन हासिल है।