MP में स्कूलों को प्राइवेट कंपनियां स्पांसर करेंगी

भोपाल। शिक्षा, स्वास्थ्य, पेयजल एवं सड़क किसी भी सरकारी की संवैधानिक जिम्मेदारियां हैं लेकिन मध्यप्रदेश की शिवराज सिंह सरकार अपने नागरिकों को यह मूलभूत सुविधाएं भी उपलब्ध नहीं करा पा रहीं हैं। कल स्वास्थ्य मंत्री रुस्तम सिंह ने गैर जिम्मेदाराना बयान दिया था कि 'डॉक्टर ही नहीं आ रहे तो हम क्या करें।' आज शिक्षा मंत्री विजय शाह ने सागर में कहा है कि मप्र के सरकारी स्कूलों को प्राइवेट कंपनियां स्पांसर करेंगी। 

गुरुवार को राज्य के स्कूल शिक्षा मंत्री विजय शाह यहां के रवींद्र भवन में शाला प्रबंधन एवं शैक्षणिक गुणवत्ता पर प्राचार्य परिचर्चा में शामिल हुए। परिचर्चा की अध्यक्षता करते हुए स्कूल शिक्षा मंत्री शाह ने कहा, "अपना भी एक आइडिया है कि कंपनियों से आर्थिक सहयोग लेकर स्कूल के नाम में संबंधित कंपनी का नाम जोड़ दो, इससे कंपनी का प्रचार हो जाएगा और सरकार की धनराशि बच जाएगी। इस आइडिया पर मुख्यमंत्री ने भी मुहर लगा दी है।

उन्होंने कहा कि जो कंपनी ज्यादा पैसे देगी, उसी के नाम पर स्कूल का नाम किया जाएगा। अगर टेलीकॉम कंपनी ऐसा करेगी तो उससे कहेंगे कि बच्चों को वाई-फाई फ्री कर दे, एक प्राचार्य को वेतन दे दे। अगले साल कोई दूसरी कंपनी ज्यादा पैसे देगी तो स्कूल का नाम उसी कंपनी के नाम कर दिया जाएगा। इस परिचर्चा में प्राचार्यो से सीधा संवाद कर उनसे अकादमिक गुणवत्ता सुधार, अभिभावक भागीदारी प्रोत्साहन, मूल्यांकन, शिक्षक-छात्र-परस्पर संबंध को बढ़ाने के लिए विस्तृत चर्चा की गई।

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