उल्टा लटकना नहीं चाहते कलेक्टर्स: फटाफट निपटा रहे हैं राजस्व के प्रकरण

भोपाल। सीएम शिवराज सिंह ने एक सभा को ऐलान किया था कि यदि राजस्व के प्रकरण लटकाए गए तो वो कलेक्टरों को उल्टा लटका देंगे। इस बयान के बाद शिवराज ने इसे कई बार दोहराया और स्पष्ट किया कि लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। सख्त कार्रवाई होगी। नतीजा यह हुआ कि राजस्व के प्रकरणों के निराकरणों में काफी तेजी आई है। हालांकि अभी भी 4 लाख प्रकरण पेंडिंग हैं परंतु जो नए 4 लाख प्रकरण दर्ज हुए थे उनका निराकरण हो गया। 

आंकड़े क्या बोलते हैं 
राजस्व प्रकरणों को तेजी से निपटाने के सीएम के निर्देश के बाद प्रकरणों के निराकरण का प्रतिशत 51 से बढ़कर 108 हो गया है। 
10 जुलाई 2017 तक जहां 8 लाख 3 हजार 70 प्रकरणों में से 4 लाख 9 हजार 598 प्रकरण का निराकरण किया गया।
वहीं 11 जुलाई से 20 सितंबर के बीच 4 लाख 49 हजार 724 प्रकरण दर्ज करने के एवज में 4 लाख 86 हजार 260 प्रकरणों का निराकरण कर दिया गया।
सीमांकन के प्रकरणों का निराकरण 135, बंटवारा के प्रकरणों का 151 और नामांतरण के प्रकरणों का 291 प्रतिशत निराकरण 11 जुलाई से 20 सितंबर के बीच किया गया है।

इन सबके बीच अभी भी राजस्व विभाग में बड़ी संख्या मे केस निराकरण के इंतजार में हैं। बीते एक महीने के आंकड़ों के मुताबिक प्रदेश के सभी 51 जिलों में 1 लाख से ज्यादा प्रकरण पेंडिंग हैं। आंकड़ों की इन बाजीगरी के बीच विपक्ष अब सवाल ये उठा रहा है कि आखिर सीएम और किन विभागों में अधिकारियों को उल्टा लटकाएंगे ताकि आम जनता को सहूलियत मिल सके।

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