
कौन हैं गेस्ट टीचर्स
दिल्ली में गेस्ट टीचर्स को रखने का सिलसिला 2009 मे उस वक्त शुरू हुआ जब कोर्ट ने राइट टू एजुकेशन लागू कर दिया और उसके बाद दिल्ली के सरकारी स्कूलों मे टीचर्स की भर्ती करना सरकार के लिए अनिवार्य हो गया। सरकार अगर परमानेंट टीचर रखती तो करीब एक टीचर को 35 से 40 हजार रूपए देने पड़ते लेकिन 2009 में इन टीचर्स को 7 से 12 हजार रुपए देकर रख लिया गया। फिलहाल प्रतिदिन इन गेस्ट टीचर्स को करीब 700 से 900 रूपए दिए जाते है। लेकिन सिर्फ उतने दिन का, जितने दिन वो पढ़ाने आते हैं, हफ्ते की छुट्टी का भी कोई पैसा नहीं दिया जाता।
कितने टीचर्स हैं
खबरों के मुताबिक, दिल्ली में करीब 15 हजार गेस्ट टीचर्स हैं। समय-समय पर ये लोग प्रदर्शन कर खुद को परमानेंट करने की मांग करते रहे हैं। इनका कहना है कि केजरीवाल सरकार ने चुनाव से पहले इनसे वादा किया था कि सभी गेस्ट टीचर्स को परमानेंट कर देंगे। गेस्ट टीचर्स की सैलरी भी बढ़ाएंगे। इस साल दिल्ली सरकार गेस्ट टीचर की सैलरी तो बढ़ा चुकी है पर परमानेंट करने का इंतजार है।