अध्यापक संघर्ष समिति का प्रांतीय सम्मेलन छिन्दवाड़ा में 24 को, कमलनाथ आएंगे

छिन्दवाड़ा। अध्यापक संघर्ष समिति छिन्दवाड़ा के आह्वान पर 24 सिंतबर रविवार को रानी कोठी लान में प्रांतीय अधिवेशन आयोजित किया गया है। अध्यापक संघर्ष समिति के राजेश जैन ने बताया कि इस अधिवेशन के मुख्य अतिथि होगें पूर्व केन्द्रीय मंत्री व सांसद कमलनाथ। जो सम्मेलन को संबोधित करेगे तथा मध्यप्रदेश के अध्यापकों की समस्या को लोकसभा के माध्यम से पूरे देश में उजागर करेगे। प्रदेश की सरकार ने 2003 में सत्तारूढ होने के पूर्व जो शिक्षक के समान वेतन व सेवाशर्ते देने का वादा किया था। आज प्रदेश में 14 वर्ष बीत जाने के बाद भी अपना वादा नही निभाया और लगातार आश्वासन भर दे रहे है। आज छटवां वेतनमान का तीन बार गणनापत्रक निकाला जा चुका है जो आज भी विसंगतिपूर्ण है। शिक्षा विभाग में हो रहे नित नए प्रयोग व निजीकरण को बढावा देने के विरोध में प्रदेश के सभी संगठनों के अध्यापक एकजुट होकर अध्यापक संघर्ष समिति के बैनर तले अपनी लडाई स्वयं लड रहे है। 

विसंगति हटाओ स्कूल बचाओ' के नारे को लेकर एकजुट हुए अध्यापक सरकार से अपनी मांगे मनवाने अड गए है। विगत सप्ताह 17 सितंबर रविवार को संपूर्ण मध्यप्रदेष के प्रत्येक जिलो में ज्ञापन व सफल रैली निकाली गई थी। - यदि सरकार इन मांगो को पूरा नही करती तो आंदोलन चरणबद्ध तेज किया जायेगा। विदित हो कि संपूर्ण म0प्र0 में अध्यापकों की संख्या साढेतीन लाख है। 

क्या है अध्यापको की प्रमुख मांगे -
1. 2013 के समझौते को अक्षरश: लागू कर सिंतबर 2013 से छटवां और जनवरी 2016 से सांतवां वेतनमान दिया जाये।
2. अध्यापकों का शिक्षकों के समान वेतन एवं सेवा ष्षर्तो के साथ षिक्षा विभाग में संविलियन किया जाये।
3. 2007 में समाप्तकर दी गई 9 साल की वरिष्ठता बहाल की जाए एवं पुरानी पेंषन की सुविधा दी जाये। 
4. बिना शर्त तबादला नीति, अनुकंपा नियुक्ति, एवं सीसीएल की सुविधा हर अध्यापक को दी जाये।
5. 5000 तक की आबादी वाले गांव एवं कस्बों में निजी स्कूलों को मान्यता देना बंद किया जाए।
6. कम छात्र संख्या के बहाने स्कूलों को बंद करना रोका जाए। स्कूलों में छात्रों की संख्या को बढानें की योजना बने।
7. स्कूलों को निजी कंपनियों को ठेके पर देने या पीपीपी मोड पर चलाने जैसी साजिशों पर स्थाई रोक लगाई जाये। 

समिति के आरिफ शख और ताराचंद भलावी ने बताया कि मध्यप्रदेश के अध्यापक स्कूल बचाने के लिए एकजुट हो चुका है। सीमावर्ती जिलों सहित रीवा, सतना, भोपाल, खरगोेन, बैतूल, सिवनी, भिण्ड मुरैना, उज्जैन, बडवानी डिडौरी जबलपुर सहित सभी 51 जिलों से बडी संख्या में महिला पुरूष अध्यापको के आने की स्वीकृति मिली है। छिन्दवाड़ा के 11 विकासखंडों से भी हजारों अध्यापक छिन्दवाड़ा के इस प्रांतीय सम्मेलन को सफल बनाने आ रहे है। बाहर से आने वाले समस्त अध्यापकों के आवास व भोजन की व्यवस्था समिति ने की है। संचालन समिति के महेष भादे, हारून अख्तर, माया शर्मा, रमेश पाटिल, रजेनद्र करमेले, अरूणदत्त मिश्रा सजीर कादरी रामाजी पाठे, राजेष कस्तूरे, रीता मल्होत्रा सुनीता इवनाती प्रेमराज लाडे, विनोद वर्मा आरिफ खान विनोद डेहरिया मदन ठाकुर ने कार्यक्रम को सफल बनाने की अपील की है। 

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