यूपी में ये कैसी ऋणमाफी: किसी के 10, किसी के 38 रुपए माफ

लखनऊ। यूपी विधानसभा चुनाव के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वादा किया था कि किसानों का लोन माफ कर दिया जाएगा। योगी आदित्यनाथ सरकार ने भी ऐलान के अनुसार लोन माफी की घोषणा की और 'फसल ऋणमोचन योजना' लागू कर दी परंतु अब इस योजना ने किसानों को परेशान कर दिया है। यूपी के हमीरपुर जिले में सोमवार को किसानों के साथ भद्दा मजाक किया गया। यहां फसल ऋणमोचन योजना के अंतर्गत कई किसानों को महज 10 रुपये, 38 रुपये, 221 रुपये और 4000 रुपये के कर्जमाफी का प्रमाण पत्र सौंपा गया। सरकार के इस मजाक से किसानों में खासा आक्रोश व्याप्त है।

सोमवार को हमीरपुर जिले के प्रभारी मंत्री मन्नू कोरी खुद अपने हाथों से किसानों को कर्ज माफी के प्रमाण पत्र देने पहुंचे लेकिन जब कुछ किसानों को प्रमाण पत्र दिया गया तो उसे देखकर वे सन्न रह गए।  शांति देवी जिन्होंने फसल बोने के नाम पर बैंक से 1 लाख रुपये कर्ज़ लिया था, लेकिन इनको जो ऋणमाफी का प्रमाण पत्र दिया गया है, उसमें 10.36 रुपये का कर्ज माफ है। एक दूसरे किसान यूनुस खान, जिसने 60 हजार रुपये बीज और खाद के लिए कर्ज लिया था, उसे जो कर्ज़ माफी का प्रमाणपत्र सौंपा गया, उसमें महज 38 रुपये की कर्ज़ माफी की गई है। 

यही हाल कई अन्य किसानों का है, जो एक लाख रुपये कर्ज माफी की आस में यहां आए थे।हमीरपुर जिला मुख्यालय के परेड ग्राउंड में आज किसानों के कर्ज माफी के प्रमाण पत्र देने का कार्यक्रम आयोजित हुआ। इस कार्यक्रम में कई बीजेपी नेता सहित प्रभारी मंत्री मन्नु कोरी ने प्रमाण पत्र का वितरण किया।

इस प्रमाण पत्र में महज 10 रुपये से लेकर 4000 हजार रुपये कर्ज माफी की रकम दर्ज थी। यह रकम किसानों के कर्ज से कई गुना कम थी। इसी वजह से ये किसान योगी सरकार की इस योजना से खुद को ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं। गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश का बुंदेलखंड क्षेत्र पिछले कई वर्षों से सूखे की चपेट में है। यही वजह है कि कर्ज के बोझ तले डूबे सैकड़ों किसान अब तक आत्महत्या कर चुके हैं। ऐसे में जब योगी सरकार ने कर्जमाफी की घोषणा की तो यहां के किसानों के लिए यह किसी वरदान से कम नहीं था। यहां किसान मौसम की मार से अपनी सारी फसलों के साथ-साथ अपनी जमा पूंजी भी गवां चुके हैं।

वहीं प्रभारी मंत्री ने कहा कि हो सकता है कि गलती से छप गया हो। इसकी जांच करवाई जाएगी और दोषियों को नहीं बख्शा जाएगा। बता दें यह पहला मामला नहीं है। कन्नौज में भी एक किसान को 315 रुपये का प्रमाणपत्र दिया गया। जबकि किसान का कुल कर्ज 62 हजार रुपये का था. किसान राजेश गुप्ता ने बताया कि उसके साथ भद्दा मजाक किया गया है। 62 हजार रुपये के कर्ज की जगह उसे, महज 315 रुपये कर्ज माफी का प्रमाणपत्र  दिया गया। इसके अलावा बाराबंकी में भी 8 सितम्बर को 5000 किसानों को कर्जमाफी का प्रमाणपत्र दिया गया। जिसके अंतर्गत कुछ किसानों के 12 रुपये से 24 रुपये के कर्ज माफ किए गए।

#buttons=(Accept !) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Accept !