
जीरो ऑवर (शून्यकाल) में वरुण ने कहा- 1952 में लोकसभा की 123 दिन बैठकें हुईं और 2016 में महज 75 दिन। ये हमारे लिए शर्मनाक है। 2016 के विंटर सेशन में सिर्फ 16 फीसदी काम हुआ। टैक्सेशन और आधार जैसे बिल दो हफ्ते में पास हुए। इन्हें किसी कमेटी के पास नहीं भेजा गया। सांसद अक्सर अपनी सैलरी बढ़ाने की मांग करते हैं। नेहरू कैबिनेट ने अपनी पहली मीटिंग में फैसला लिया था कि जनता परेशान है लिहाजा छह महीने तक कोई सांसद सैलरी नहीं लेगा। नैतिकता के आधार पर मुझे सैलरी बढ़ाने की मांग सही नहीं लगती।
नंगा किसान यूरिन पीकर विरोध कर रहा था, विधायकों ने वेतन दोगुना कर लिया
वरुण ने पूछा- पिछले एक साल में 18 हजार किसानों ने खुदकुशी की लेकिन हमारा फोकस कहां है? डेमोक्रेसी में खुद की सैलरी बढ़वा लेना नैतिकता नहीं कही जा सकती। बीजेपी सांसद ने तमिलनाडु के किसानों का जिक्र भी किया। कहा- वो लोग विरोध के तौर पर खुद का यूरिन पी रहे हैं और अपने मारे गए साथियों की खोपड़ी गले में लटका कर घूम रहे हैं लेकिन 19 जुलाई को तमिलनाडु के विधायकों ने अपनी सैलरी दोगुनी कर ली। इससे गलत क्या हो सकता है।
ब्रिटेन में 13 फीसदी तो हमारे यहां 400 फीसदी सैलरी क्यों बढ़ी?
वरुण यूनियन मिनिस्टर मेनका गांधी के बेटे हैं। वरुण ने कहा- बीते 10 साल में ब्रिटिश सांसदों की सैलरी तो महज 13 फीसदी बढ़ी लेकिन हमारे यहां ये 400 फीसदी बढ़ गई। सांसदों के परफॉर्मेंस पर सवाल उठाते हुए उन्होंने कहा- बीते 20 साल में करीब 50 फीसदी बिल ही पार्लियामेंट कमेटियों की जांच के बाद पास किए गए। गांधी ने कहा कि जब बिल बिना गंभीर विचार विमर्श के पारित किए जाते हैं तो इससे संसद का मकसद पूरा नहीं होता। 41 फीसदी बिलों पर तो सदन में चर्चा तक नहीं हुई और इन्हें ऐसे ही पास कर दिया गया। ब्रिटेन में सांसदों की सैलरी पर फैसला करने के लिए एक इंडिपेंडेट रिव्यू बॉडी है लेकिन हमारे यहां ऐसा नहीं है। देश के हित में हमें भी ऐसी एक कमेटी बनानी चाहिए। वरुण की बातों का टीएमसी के सांसद सौगत राय ने भी समर्थन किया।
सपा-कांग्रेस ने की थी सैलरी बढ़ाने की मांग
19 जुलाई को समाजवादी पार्टी के राज्यसभा सांसद नरेश अग्रवाल ने राज्यसभा में सांसदों की सैलरी बढ़ाने की मांग की थी। उन्होंने कहा था- सांसदों की सैलरी अपने सेक्रेटरी से भी कम होती है। कांग्रेस के आनंद शर्मा ने भी उनका समर्थन किया था। शर्मा ने कहा था - दुनिया में सांसदों को इतना अपमानित और कहीं नहीं किया जाता, जितना यहां किया जाता है। वर्तमान में सांसदों को 1.40 लाख रुपए सेलेरी मिलती है। यह वेतन आयकर मुक्त है। जियो 4जी के जमाने में सांसदों को 15000 रुपए टेलीफोन भत्ता भी मिलता है। सांसदों को यात्राएं एवं अन्य कई सुविधाएं नि:शुल्क उपलब्ध कराई जातीं हैं।