जिस रिजॉर्ट में कांग्रेसी MLA ठहरे, वहां भी पहुंच गई आयकर विभाग की टीम

बेंगलुरु। आयकर विभाग ने यहां कांग्रेस सरकार के मंत्री डीके शिवकुमार समेत कई कांग्रेसी नेताओं के ठिकानों पर छापामार कार्रवाई की। इस कार्रवाई के दोरान आयकर विभाग की टीम उस रिजॉर्ट पर भी जा पहुंची जहां गुजरात कांग्रेस के 40 विधायकों को ठहराया गया है। इसे इत्तेफाक कहें या कुछ और लेकिन जिन 3 कांग्रेस नेताओं के यहां आयकर की छापामार कार्रवाई हुई वो वही कांग्रेसी नेता हैं जिन्होंने गुजरात के विधायकों को रिजॉर्ट में ठहरने के सभी प्रबंध किए हैं। 

'टाइम्स नाउ' के मुताबिक, टैक्स अधिकारियों ने मंत्री डीके शिवकुमार के अलावा सांसद डीके सुरेश और कांग्रेस एमएलसी एस रवि के प्रॉपर्टीज पर भी छापा मारा है। कुल 39 लोकेशनों पर ये छापे मारे गए हैं। कांग्रेस आलाकमान के बेहद खास माने जाने वाले डीके शिवकुमार और डीके सुरेश क्षेत्र में डीके ब्रदर्स के नाम से मशहूर हैं। सुरेश डीके शिवकुमार के छोटे भाई हैं। दोनों की सत्ता में खास रसूख है और पार्टी के 'संकटमोचक' भी माने जाते हैं। 

टैक्स अधिकारी जांच के लिए इगलटन रिजॉर्ट भी पहुंचे। हालांकि, बाद में अधिकारियों ने कहा कि डीके शिवकुमार रिजॉर्ट पर थे, इसलिए वे वहां गए। रिजॉर्ट में कोई तलाशी नहीं ली गई। यह रिजॉर्ट शहर से 60 किलोमीटर दूर बिदादी इंडस्ट्रियल इलाके में है। इस रिजॉर्ट में कमरे का एक दिन का किराया दस हजार रुपये से शुरू होता है। इस इलाके में कई मल्टीनैशनल कंपनियों के दफ्तर भी हैं। सूत्रों के मुताबिक, डीके सुरेश ने रिजॉर्ट में विधायकों के लिए हर तरह की सुविधाएं और अन्य जरूरतों के लिए अपने कजन और पार्टी एमएलसी एस रवि की मदद ली थी। 

कौन हैं डीके ब्रदर्स 
डीके शिवकुमार कर्नाटक सरकार में ऊर्जा मंत्री हैं, वहीं डीके सुरेश बेंगलुरु ग्रामीण सीट से सांसद हैं। जिस इलाके में विधायकों को ठहराया गया है, वह डीके सुरेश के संसदीय क्षेत्र के अंतर्गत आता है और कनकपुरा (शिवकुमार का विधानसभा क्षेत्र) से भी महज एक घंटे की दूरी पर स्थित है। काफी ताकतवर नेता माने जाने वाले शिवकुमार को कई राजनीतिक जानकार मुख्यमंत्री पद का दावेदार भी मानते हैं। पिछले चुनाव में जब कांग्रेस को प्रदेश में स्पष्ट बहुमत मिला था, उस वक्त शिवकुमार कनकपुरा सीट से एक लाख से ज्यादा वोटों से जीते थे। उन्होंने अपने हलफनामे में 250 करोड़ रुपये से ज्यादा की संपत्ति घोषित की थी। हाल के दिनों में पार्टी के लिए फंड जुटाने के काम में उनकी भूमिका अहम रही है।

क्यों मारा छापा?
सूत्रों के मुताबिक, आईटी अफसरों को शक है कि इन विधायकों के रखरखाव से लेकर सिक्यॉरिटी तक में बड़े पैमाने पर कैश का फ्लो शामिल है। आईटी अफसर इस बात की जांच कर रहे हैं कि इन नेताओं ने किसी बड़ी रकम का लेनदेन किया कि नहीं? इन्हीं शक के चलते आईटी ने विभिन्न लोकेशंस पर छापा मारा है।

विधायकों को डराने के लिए की गई कार्रवाई 
कांग्रेस ने इस ऐक्शन को बदले की कार्रवाई कहा है। पार्टी के मुताबिक, बीजेपी अपने राजनीतिक फायदे के लिए सरकारी सिस्टम का दुरुपयोग कर रही है। कांग्रेसी नेता दबे जुबान में यह भी आरोप लगा रहे हैं कि रिजॉर्ट पर यह छापा विधायकों को वहां से बाहर निकालने के लिए मारा गया है ताकि राज्यसभा चुनाव में जोड़तोड़ के लिए बंद हो चुकी बातचीत एक बार फिर शुरू की जा सके। कांग्रेस नेता अहमद पटेल ने कहा कि बीजेपी महज एक राज्यसभा सीट जीतने के लिए इतनी मशक्कत कर रही है। हालांकि, बीजेपी ने कहा है कि अगर ईगलटन रिजॉर्ट प्रबंधन ने वित्तीय तौर पर कुछ गलत किया है तो कार्रवाई में कुछ भी गलत नहीं है। 

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