भ्रष्टाचार की जांच में फंसे हरदा कलेक्टर ने DG से की EOW अधिकारियों की शिकायत

भोपाल। हरदा कलेक्टर अनय द्विवेदी आईएएस ने डीजी ईओडब्ल्यू से उनके अधिकारियों की शिकायत करते हुए आरोप लगाया है कि जांच अधिकारियों ने गोपनीय दस्तावेज सार्वजनिक किए, इसलिए उनके खिलाफ कार्रवाई की जाए। बता दें कि अनय द्विवेदी आईएएस के खिलाफ ग्वालियर में भ्रष्टाचार के मामले में एक जांच चल रही है। ईओडब्ल्यू इसकी जांच कर रहा है। अनय द्विवेदी आईएएस पर आरोप है कि वो जांच को प्रभावित करने की कोशिश करते हैं। इससे पहले हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका में आरोप लगाया गया था कि अपनी जांच प्रभावित करने के लिए अनय द्विवेदी आईएएस ने ईओडब्ल्यू आॅफिस के सामने कचरा जमा करवा दिया था। श्री द्विवेदी उस समय नगरनिगम ग्वालियर के कमिश्नर थे। इसी दौरान ट्रैक्टर ट्रॉली खरीदी में भ्रष्टाचार के आरोप लगे थे। 

डीजी ईओडब्ल्यू से क्या शिकायत की है
अपने शिकायती आवेदन में हरदा कलेक्टर ने लिखा है कि ग्वालियर के एक समाचार पत्र में खबर प्रकाशित की गई है, जिसमें उनके खिलाफ ट्रैक्टर ट्रॉली खरीद संबंधित मामले में कथित भ्रष्टाचार के आरोप लगाए गए हैं। और उस खबर में एक सरकारी गोपनीय दस्तावेज को भी खबर के साथ प्रकाशित किया गया है। क्योंकि उस दस्तावेज पर ईओडब्लू विभाग की सील लगी है इसलिए ये मामला गोपनीय दस्तावेज को सार्वजनिक करने का बनता है। ऐसे हालात में उन्होंने डीजी ईओडब्लू से विभाग के संबंधित व्यक्ति पर एफआईआर दर्ज करने की कार्रवाई करने के लिए कहा है। साथ ही विभाग के अधिकारियों के मोबाइल कॉल की भी जांच की मांग भी की है। 
मामला क्या है 
अनय द्विवेदी आईएएस उन दिनों नगर​ निगम ग्वालियर में कमिश्नर थे। ईओडब्ल्यू में इनके खिलाफ भ्रष्टाचार की शिकायत दर्ज कराई गई। यह शिकायत नगर निगम में स्वच्छता सर्वेक्षण के लिए बिना टेंडर निकाले खरीदे गए लगभग 1 करोड़ रुपए के ट्रैक्टर ट्रॉली मामले में की गई है।  शिकायत में लिखा है कि इस खरीद मामले में एक फर्म को लाभ पहुंचाने के बदले 9 लाख रुपए का कमीशन लिया गया है। ट्रैक्टर ट्रॉली खरीद मामले में अपर आयुक्त वित्तीय देवेन्द्र पालिया ने भी अपनी आपत्ति जताई थी, जिसे दरकिनार कर यह खरीदी की गई। 

शिकायत में लिखा है कि ट्रैक्टर ट्रॉली खरीद में उल्लेखित किया है कि केवल महेन्द्रा कंपनी ही ट्रैक्टर ट्रॉली बनाता है। जबकि एस्कॉर्ट आदि कंपनी भी ट्रैक्टर ट्रॉली देते हैं। इस मामले को लेकर अन्य दिवेदी ने डीजी ईओडब्लू से ईओडब्ल्यू ग्वालियर के खिलाफ शिकायत की है। उन्होंने सरकारी गोपनीय दस्तावेज को सार्वजनिक करने का आरोप लगाया है। 

ईओडब्ल्यू एसपी को धमकी दी 
ग्वालियर हाईकोर्ट में दायर की गई एक जनहित याचिका में कहा गया था कि अनय द्विवेदी
कमिश्नर नगर निगम जांच को प्रभावित करने की कोशिश कर रहे हैं। जांच में सहयोग नहीं कर रहे। उन्होंने 23 फरवरी 2017 को ईओडब्लू पुलिस अधीक्षक को कॉल करके धमकी दी और जांच में अवरोध उत्पन्न करने का प्रयास किया। जबकि कमिश्नर नगर निगम ग्वालियर या अन्य कोई भी व्यक्ति दंड प्रक्रिया संहिता के तहत जांच और विवेचना में सहयोग देने बाध्य है। 

ईओडब्ल्यू आॅफिस के सामने कचरा डलवा दिया
याचिका में आरोप लगाया गया था कि ईओडब्ल्यू के अधिकारियों को डराने के लिए और जांच में अवरोध उत्पनन करने के लिए नगर निगम कमिश्नर अनय द्विवेदी ने ईओडब्ल्यू कार्यलय के प्रवेश द्वारा पर 23 फरवरी को शहर का कचरा डलवा दिया। उनकी ये हरकत आपत्तिजनक एवं आपराधिक स्तर की है। 

जनहित याचिका के बाद हटाए गए थे
भ्रष्टाचार की शिकायत होने के बावजूद कमिश्नर अनय द्विवेदी लगातार अपने पद पर बने हुए थे। उन पर बार बार जांच को प्रभावित करने के आरोप लग रहे थे परंतु मुख्य सचिव की ओर से कोई कार्रवाई नहीं हो रही थी। जब हाईकोर्ट ग्वालियर में जनहित याचिका दायर की गई और उसमें आरोप लगाए गए कि किस तरह अनय द्विवेदी आईएएस जांच को प्रभावित कर रहे हैं तब हाईकोर्ट जस्टिस शीलनागू एवं जस्टिस एस ए धर्माधिकारी की युगलपीठ ने मप्र के मुख्य सचिव समेत अन्य अधिकारियों को तलब किया। इसके बाद जून 2017 में अनय को ग्वालियर से हटाकर हरदा भेजा गया। 

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