
सिंघानिया की कुंडली तथा वर्तमान योग
वर्तमान मॆ सिंघानियाजी पुत्रमोह के कारण सारी सम्पत्ति से बेदखल है तथा अब उन्हे अपने पुत्रमोह पर पछतावा हो रहा है। इनका जन्म 4 अक्टूबर 1938 को हुआ था। कुंडली मेहनती तथा भाग्यवान व्यक्ति की है। नवग्रहों मॆ केतु पुत्र का कारक होता है। पत्रिका मॆ केतु जब अशुभ स्थिति मॆ होता है तो जातक को पुत्र के कारण कष्ट भोगना पड़ता है। मई 2017 तक इन्हे उच्च के बुध की दशा चली जिसके कारण रेमन्ड समूह ने बुलंदियों को छुआ। मई 2017 के बाद ये केतु की दशा के प्रभाव मॆ है। केतु राशि स्वामी मंगल आठवें स्थान पर है। जिस कारण उन्हे पुत्र के कारण इतनी दुखदायक स्थिति का सामना करना पड़ा।
लेकिन इससे भी दुखद बात उनके दुख का सार्वजनिक हो जाना है। लाल किताब (ज्योतिष ग्रंथ) मॆ स्पष्ट लिखा है की केतु दशा मॆ होने वाली पीड़ा को आपने व्यक्त किया या किसी को बताया तो केतु उस दुख की और वृद्धि कर देता है। ऐसी स्थिति मॆ व्यक्ति को चुपचाप कष्ट सहन कर भगवान गणेश की पूजा करनी चाहिये। जिससे समस्या का समाधान मिलता है। जिसे भी केतु की दशा मॆ सिंघानियाजी जैसा कष्ट हो वे उपरोक्त उपाय का पालन करें निश्चित रूप से लाभ होगा। समय के साथ कष्ट कम होते जाएंगे और सबकुछ सामान्य हो जाएगा।