
अलका पालीवाल (55) 14 अगस्त की शाम से लापता थी। उन्हें इसी दिन शाम 7.30 बजे रेलवे फुट ओवर ब्रिज से 12 बंगले की तरफ जाते हुए अंतिम बार देखा गया था। रेलवे स्टेशन के सीसीटीवी फुटेज में वह दिखाई दी थी। परिजनों ने गुमशुदगी दर्ज कराई थी। अलका ने आखिरी बार सराफा कारोबारी दिनेश गोठी से मोबाइल से चर्चा की थी। इस आधार पर ही पुलिस जांच कर रही थी। 17 अगस्त को दिनेश गोठी से पुलिस ने पूछताछ की थी। उन्होंने महिला से दोस्ताना संबंध बताए थे।
कौन थी अलका
मूलत: भट्टी गांव की रहने वाली अलका परदेसी कुर्मी समाज से आती हैं। उसका परिवार गांव का प्रतिष्ठित परिवार है। करीब 30 साल पहले अलका ने इटारसी के वीरेंद्र पालीवाल से प्रेम विवाह किया था। उसका एक बेटा और एक बेटी है, जो कि इंदौर में पढ़ते हैं। राज्य परिवहन निगम में काम करने वाले वीरेंद्र का 2007 में निधन हो गया था। तब से अलका मालवीय गंज में बहनों के साथ रहती थी। इस बीच अलका दिनेश गोठी के संपर्क में आई और दोनों के बीच दोस्ताना संबंध बन गए। अलका की सात बहनें है। इनमें से एक बहन ऊषा ने बैतूल में हाल ही में मकान बेचा था।
कॉल डिटेल से खुला राज
पुलिस ने दिनेश गोठी के नौकर अशोक धुर्वे (तारमखेड़ा) को दो दिन पहले हिरासत में लिया था। इसकी वजह थी कॉल डिटेल। अलका से दिनेश गोठी की बातचीत के बाद दिनेश गोठी और अशोक धुर्वे के बीच भी काफी बातचीत हुई थी। धुर्वे ने पूछताछ में अलका की गला दबाकर हत्या करना कबूल कर लिया।
जंगली जानवर नौंच के खा चुके थे अलका का शव, मिला सिर्फ कंकाल
एसडीओपी अनिल शर्मा के मुताबिक 14 अगस्त की शाम अलका पालीवाल को दिनेश गोठी ही अपने नौकर अशोक धुर्वे और फतेहचंद के साथ कार (एमपी-05-सीए-0055) से केसला तरफ ले गए थे। यहां ताकू प्रूफ रेंज में अलका की गला दबाकर अशोक धुर्वे एवं फतेहचंद ने हत्या कर दी। शव रेंज में ही फेंककर फरार हो गए। घने जंगल के बीच शव पड़ा रहा। चूंकि जंगल में जंगली जानवर है वह शव को खींच ले गए। इससे कंकाल बिखर गया। जंगल में आवाजाही नहीं होने के कारण बदबू भी नहीं आई।
नौकरों द्वारा जुर्म कबूल कर लेने के बाद मंगलवार को जंगल में शव की खोज शुरू की गई तो ताकू प्रूफ रेंज में कंकाल मिला। पास ही महिला के कपड़े मिले। डीएनए जांच के बाद शव की पुष्टि की जाएगी। पुलिस ने अशोक धुर्वे, फतेहचंद चौरे के साथ दिनेश गोठी को हिरासत में लिया है।