UP के अस्पताल में आग, अब तक 6 मौतों की पुष्टि, राहत कार्य जारी

नई दिल्ली। उत्तरप्रदेश की राजधानी लखनऊ स्थित सरकारी अस्पताल केजीएमयू के ट्रॉमा सेन्टर का दूसरा माला भयंकर आग की चपेट में आ गया। पूरा फ्लोर आग की लपटों से घिर गया। इस हादसे में अब तक 6 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है। राहत कार्य जारी हैं। यह संख्या बढ़ भी सकती है। बताया जा रहा है कि अस्पताल में आगजनी से बचने के लिए निर्धारित उपकरण नहीं थे। ट्रॉमा सेन्टर का पूरा फ्लोर कुछ इस तरह का था कि आग तेजी से भड़कती चली गई। हादसा क्यों हुआ, फिलहाल इसका पता नहीं चल पाया है। सीएम योगी आदित्यनाथ ने जांच के आदेश दे दिए हैं। 

दमकलकर्मी और अस्पताल के कर्मचारियों की मदद से मरीजों को बाहर निकाला गया। एक दर्जन से अधिक दमकल की मदद से आग पर कुछ देर में ही काबू पा लिया गया लेकिन धुआं भर जाने की वजह से राहत कार्य में काफी देर तक दिक्कत रही। इस मंजिल पर भर्ती 200 से अधिक मरीजों को शताब्दी व मानसिक रोग विभाग में शिफ्ट कराया गया। देर रात मिली खबर के मुताबिक इस हादसे में दो नवजात समेत छह लोगों की इलाज न मिलने के कारण दूसरे अस्पतालों में ले जाते समय मौत हो गई।

ट्रॉमा सेन्टर के दूसरे तल पर एडवांस ट्रॉमा लाइफ सपोर्ट (एटीएलएस) का ट्रेनिंग सेन्टर है। इस सेन्टर में रात करीब साढ़े सात बजे अचानक धुआं उठता दिखाई पड़ा। किसी के कुछ समझने से पहले ही यहां से आग की लपटें निकलने लगीं। कुछ देर में ही आग ने विकराल रूप लेना शुरू कर दिया। इससे इस तल पर बने वार्ड में भर्ती मरीजों व अटेंडर्स में हड़कम्प मच गया। जो मरीज चल सकते थे, वे अपने बेड से उतर कर बाहर भाग निकले। पर, जिनकी स्थिति गड़बड़ थी, वह दहशत में चीखने-चिल्लाने लगे। तीमारदार, डॉक्टर व नर्स किसी तरह मरीजों को बाहर निकालने में जुट गए।

आग बढ़ने पर बढ़ा खौफ
फायर ब्रिगेड तो पहुंच गई थी लेकिन तब तक आग काफी ज्यादा फैल चुकी थी। इससे खौफ बढ़ गया था। बाहर मैदान में मरीजों को लिटाकर उनका इलाज किया जाने लगा। डॉक्टरों की अतिरिक्त टीम भी वहां बुला ली गई। इसके अलावा गम्भीर मरीजों को गांधी वार्ड में भेज दिया गया।

मुख्यमंत्री ने दिए जांच के आदेश 
केजीएमयू लखनऊ के ट्रामा सेंटर में आग की घटना को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गंभीरता से लिया है। उन्होंने मामले की जांच के आदेश दिए हैं। मुख्यमंत्री कमिश्नर लखनऊ अनिल गर्ग को इस घटना की जांच कर तीन दिन में रिपोर्ट देने और दोषी अधिकारियों के खिलाफ जिम्मेदारी तय करने के निर्देश दिए हैं। जिससे इस तरह की घटना की भविष्य में पुनरावृत्ति न होने पाए। राज्य सरकार के प्रवक्ता ने बताया कि मुख्यमंत्री को जैसे ही घटना की जानकारी मिली, उन्होंने वरिष्ठ अधिकारियों को तुरंत मौके पर पहुंचने के निर्देश दिए। साथ ही कहा कि वे आग बुझाने तथा स्थिति को सामान्य करने के लिए सभी कार्रवाई करने के भी निर्देश दिए।

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