SBI ने सेविंग अकाउंट्स का ब्याज घटाया

नई दिल्ली। देश का सबसे बड़ा बैंक भारतीय स्टेट बैंक अब अपने ग्राहकों को तंग करने वाली नीति पर काम करने लगा है। सेवाओं का शुल्क बढ़ाने के बाद अब उसने सेविंग खातों पर मिलने वाला 4 प्रतिशत ब्याज भी घटा दिया है। अब यह मात्र 3.5 प्रतिशत ही रह गया है। बैंक की ओर से जारी वक्तव्य में यह कहा गया है कि ऐसे बचत खाते जिनमें 1 करोड़ से कम राशि है उनपर ब्याज की दर आधा फीसद घटाकर 3.5 फीसद की दी गई है। जबकि इससे ऊपर की राशि वाले खातों पर पहले की तरह ही 4 फीसद ब्याज मिलता रहेगा। बैंक के इस कदम का आपकी जेब पर क्या असर पड़ेगा और इस कटौती के बाद आपकी निवेश रणनीति में क्या परिवर्तन होने चाहिए पढ़िए पत्रकार शुभम शंखधर की एक रिपोर्ट: 

एसबीआई ने क्यों घटाई ब्याज दरें?
पंजाब नेशनल बैंक के पूर्व चीफ जनरल मैनेजर और बैंकिंग एक्सपर्ट यू सी भार्गव ने बताया कि महंगाई दर बीते काफी समय से निचले स्तर पर है इसी के चलते बैंक की ओर से बचत खाते पर ब्याज दर कम करने का फैसला लिया गया। छोटे निवेशक महंगाई से बचने के लिए बचत खाते में पैसा रखते हैं या एफडी कराते हैं लेकिन मौजूदा हालात में दोनों ही विकल्प में ब्याज दरें घटाई जा रही हैं।

दूसरे बैंक भी घटाएंगे ब्याज दरें?
एसबीआई देश का सबसे बड़ा बैंक है। देश की 50 फीसद बैंकिंग इसी बैंक पर टिकी है। ऐसे में स्टेट बैंक के इस कदम के बाद दूसरे बैंक भी बचत खातों पर मिलने वाले ब्याज को कम कर सकते हैं। आपको बता दें कि मंहगाई पर अंकुश लगाने के लिए बैंक बचत खाते पर ब्याज दरों को बढ़ाकर बाजार से नकदी कम करने का प्रयास करते हैं। वहीं महंगाई कम होने पर ब्याज दरों को घटाकार अपने कॉस्ट ऑफ फंड को कम करते हैं।

तो क्या अब लोन सस्ता हो सकता है?
बचत खाते पर मिलने वाले ब्याज दर में कटौती का सीधा मतलब है कि बैंकों की कॉस्ट ऑफ फंड कम हो जाएगी। जो सस्ता कर्ज का रास्ता निश्चित तौर पर खोलता है। साथ ही एसबीआई के इस कदम के बाद आरबीआई के ऊपर भी दवाब होगा कि वह कर्ज सस्ता करने के लिए नीतिगत दरों में कुछ कटौती करें। भार्गव ने मुताबिक 2 अगस्त को होने वाली क्रेडिट पॉलिसी समीक्षा में आरबीआई की ओर से ब्याज दरों में कटौती की पूरी संभावना है।

छोटे निवेशकों के पास बचत खाते जैसे कौन से निवेश विकल्प हैं?
ऑप्टिमा मनी के सीईओ पंकज मठपाल ने बताया कि जो निवेशक छोटी अवधि के लिए अपना पैसा निवेश करना चाहते हैं उनको बचत खाते की जगह लिक्विड फंड में अपने पैसे को निवेश करना चाहिए। यहां उनको बचत खाते की तुलना में 2 से 2.5 फीसद ज्यादा ब्याज मिलेगा साथ ही जोखिम की मात्रा भी इस विकल्प में बेहद कम है। साथ ही मठपाल ने यह भी बताया कि सेबी की नई गाइडलाइंस के मुताबिक कोई भी निवेशक लिक्विड फंड में से 50000 रुपए तक की राशि उसी दिन निकाल सकता है। ऐसे में लिक्विड फंड से भी सेविंग अकाउंट की तरह आसानी से पैसा निकाला जा सकता है।

कम जोखिम के साथ थोड़े ज्यादा समय के लिए लगाना हो पैसा तो क्या करें?
पंकज के मुताबिक ऐसी स्थिती में निवेशक को डेट फंड का चुनाव करना चाहिए। डेट फंड में निवेश का एक हिस्सा सरकारी बांड और सिक्योरिटी में रहता है इसलिए जोखिम की मात्रा भी कम रहती है। यह फंड लिक्विड फंड की तुलना में थोड़ा ज्यादा रिटर्न देते हैं।

लंबी अवधि के लिए करना हो निवेश तो?
पंकज के मुताबिक लंबी अवधि में निवेश की स्थिती में हर निवेशक को जोखिम लेना चाहिए। लंबी अवधि के लिए निवेशकों को इक्विटी म्युचुअल फंड में निवेश करना चाहिए। ये म्युचुअल फंड शेयर बाजार से लिंक होते हैं और उसकी चाल पर इनका रिटर्न निर्भर करता है। पंकज के मुताबिक अच्छे म्युचुअल फंड का चयन कर लंबी अवधि के लिए निवेश करके कोई निवेश सबसे अच्छे रिटर्न पा सकता है।

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