PWD के 5 इंजीनियर्स को जेल, जनपद CEO सस्पेंड

भोपाल। भिंड में भ्रष्टाचार के मामले में कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए लोकनिर्माण विभाग के तत्कालीन पांच अधिकारियों को पांच-पांच साल की सजा और 30-30 हजार रुपये का अर्थदंड लगाया है। ये सजा गोहद में शासकीय कॉलेज के निर्माण में हुई धांधली के मामले में सुनाई गई है। जबकि जबलपुर में संभागायुक्त गुलशन बामरा ने आज मंडला जिले के जनपद पंचायत निवास के मुख्य कार्यपालन अधिकारी विजय तेकाम को निलंबित कर दिया है। उन पर प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण अंतर्गत भुगतान की जाने वाली राशि में रोक लगाकर अनियमिता किये जाने के साथ कई आरोप थे।

5 इंजीनियर्स को 5-5 साल की जेल 
सन 1996 में गोहद में शासकीय महाविद्यालय का निर्माण कराया गया था। महाविद्यालय के निर्माण में ठेकेदार को चार लाख रुपये का लाभ पहुंचाया गया था। ठेकेदार को लाभ पहुंचाने का आरोप लोकनिर्माण विभाग के तत्कालीन आठ कर्मचारियों और अधिकारियों पर लगा था। इस मामले की शिकायत तत्कालीन विधायक सीएल बारहदिया ने लोकायुक्त में की थी। 

लंबे समय से चल रहे इस मामले मे भिंड कोर्ट ने बुधवार को फैसला सुनाते हुए तत्कालीन एसई एसएल यादव, उपयंत्री आरएस गुप्ता, उपयंत्री सरदार सिंह भदौरिया, सहायक यंत्री जेएस कुशवाह, सहायक यंत्री राजाबाबू दुबे को पांच-पांच साल की सजा सुनाते हुए 30-30 हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया है। इस मामले के तीन आरोपियों की मौत हो चुकी है। सभी आरोपी नौकरी से सेवा निवृत हो चुके है।

जनपद सीईओ सस्पेंड 
प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण अंतर्गत भुगतान की जाने वाली राशि में रोक लगाकर अनियमिता और स्वच्छ भारत मिशन के अंतर्गत शौचालयों निर्माण का लक्ष्य पूरा न करने पर मंडला जिले के कलेक्टर द्वारा सीईओ को निलंबित करने का प्रस्ताव आज संभागायुक्त को भेजा गया था। जहां मंडला जिले की कलेक्टर सोफिया फारूकी वली ने जबलपुर संभाग के कमिश्नर को बताया है कि विजय तेकाम परियोजना प्रशासक एकीकृत आदिवासी परियोजना निवास एवं प्रभारी मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत निवास ने  प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण के अंतर्गत हितग्राहियों को भुगतान की जाने वाली राशि के निकालने में रोक लगाकर वित्तीय अनियमिता की गयी है, जिससे योजना का कार्य बाधित हुआ है और हितग्राहियों को अनावश्यक रूप से परेशानियों का सामना करना पड़ा है। 

वहीं स्वच्छ भारत मिशन अंतर्गत माह जून 2017 में 2000 शौचालय के निर्माण का लक्ष्य दिया गया था जिसके विरूद्व मात्र 1द9 शौचालय  का निर्माण कराया गया है, जो कि योजना के प्रति लापरवाही एवं उदासीनता का कारण है। सीईआ द्वारा इसी प्रकार सीएम हेल्पलाइन में प्राप्त शिकायत का यथा समय समाधान कारक संपूर्ण दस्तावेजों सहित निराकरण नहीं किया जिसके कारण शिकायते  लंबित हुयी। 

इन शिकायतों के फलस्वरूप जनपद पंचायत निवास की मुख्य कार्यपालन अधिकारी विजय तेकाम को निलंबित करने का प्रस्ताव भेजा गया। मंडला जिले की कलेक्टर के इस प्रस्ताव को संभागायुक्त द्वारा गंभीरता से लेते हुये सिविल सेवा वर्गीकरण नियंत्रण एवं अपील नियम 1966 के नियम 9 के प्रावधानों के अंतर्गत निलंबित कर दिया गया है। संभागायुक्त ने आदेश तत्काल से प्रभाव से लागू कर दिया है। 

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