
मंच पर रखी तेजस्वी की नेमप्लेट पहले कागज से ढकी गई, लेकिन बाद में हटा दी गई। यहां तक कि नीतीश ने आरजेडी के कोटे से मंत्री विजय प्रकाश के पास से भी अपनी सीट बदलवा ली। बता दें कि करप्शन के आरोपों से घिरे तेजस्वी पर कार्रवाई के लिए जेडीयू ने आरजेडी को 4 दिन का अल्टीमेटम दिया था, जो शनिवार को खत्म हो गया। लालू पहले ही कह चुके हैं कि तेजस्वी इस्तीफा नहीं देंगे।
नीतीश के सामने दो ऑप्शन
1) अगर तेजस्वी इस्तीफा नहीं देते तो नीतीश उन्हें बर्खास्त कर सकते हैं। ऐसे में आरजेडी महागठबंधन से अलग हो जाएगा। जेडीयू और कांग्रेस मिलकर सरकार नहीं बचा सकते। सरकार गिर सकती है। अगर बीजेपी नीतीश के साथ आए तो सरकार बची रहेगी। सरकार में शामिल होने या बाहर से सपोर्ट का ऑप्शन खुला हुआ है। बीजेपी के सपोर्ट के बाद कांग्रेस भी अलग हो जाए तो नीतीश सीएम बने रहेंगे। फॉर्मूला होगा- जेडीयू (71)+भाजपा (53)= 124
2) नीतीश के पास एक ऑप्शन यह भी है कि सरकार बचाने के लिए वह चुप बैठ जाएं और तेजस्वी पर कोई कार्रवाई न करें।