Ex. CRICKET मनोज प्रभाकर: चिटफंड फ्रॉड में आरोप तय, गवाही के बाद सजा होगी

इंदौर। पूर्व क्रिकेटर मनोज प्रभाकर पर जिला कोर्ट ने धोखाधड़ी की धारा में आरोप तय कर दिए। अब केस में गवाहों के बयान शुरू होंगे। आरोप है कि प्रभाकर ने 1997 से 1999 के बीच अपेस प्लांटेशन एंड रिसोर्स (इंडिया) लि. कंपनी का डायरेक्टर रहते हुए लोगों के साथ धोखाधड़ी की। उन्होंने ज्यादा ब्याज का लालच देकर लोगों से कंपनी में पैसा लगवाया।

इंदौर के श्रेयस सिंघल ने कंपनी में 50 हजार दो साल के लिए सावधि जमा कराए थे, लेकिन उन्हें रकम वापस नहीं मिली। इसी तरह गोपाल प्रजापत द्वारा 6 हजार, मुस्तफा हुसैन अमजेरावाला द्वारा 40 हजार, राजेश अग्रवाल द्वारा 15 हजार रुपए प्रभाकर की कंपनी में लगाए गए। 

कंपनी में पैसा लगाने वालों को प्रभाकर के हस्ताक्षर के साथ बॉण्ड सर्टिफिकेट जारी किए गए थे। पैसा वापस नहीं मिलने पर पीड़ितों ने जिला कोर्ट में कंपनी और प्रभाकर के खिलाफ परिवाद दायर किया। प्रभाकर की ओर से एडवोकेट अजय शंकर उकास पैरवी कर रहे हैं।

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