IPS: तोंद निकली या चश्मा लगा तो अटक जाएगा प्रमोशन

नई दिल्ली। भारतीय पुलिस सेवा के अधिकारियों को प्रमोशन के लिए शर्तें लागू होने वाली हैं। अब तक निर्धारित सेवा अवधि पूरी होने पर ही प्रमोशन मिल जाता था परंतु मोदी सरकार अब आईपीएस अफसरों के सशर्त प्रमोशन की तैयारी कर रही है। इसके लिए जहां एक ओर उन्हे फिजीकली फिट रहना जरूरी है वहीं दूसरी ओर 7 में से किन्ही 3 फील्ड में स्पेशलिस्ट भी होना चाहिए। डिपार्टमेंट ऑफ पर्सनल एंड ट्रेनिंग (डीओपीटी) ने सर्विस रूल का ड्राफ्ट तैयार कर लिया है। इसमें फिटनेस की सिफारिश शामिल है। डीओपीटी ने सभी राज्यों ओर यूनियन टेरिटरी के एडमिनिस्ट्रेटर्स से इस पर सुझाव मांगे हैं। ड्राफ्ट के नियमों में लिखा है, "आईपीएस अफसरों का अलग-अलग पोस्ट पर प्रमोशन फिजिकल फिटनेस पर आधारित होगा, जैसा की होम मिनिस्ट्री की ओर से समय-समय पर निर्देश जारी किया जाता रहा है।"

बता दें कि मौजूदा नियमों में इस तरह की कोई शर्त नहीं है। आईपीएस अफसरों को उनकी सर्विस के तय साल पूरे होने पर प्रमोशन और ग्रेड मिलती रहती है।

किसी तीन फील्ड में एक्सपर्ट भी होना होगा
नए नियमों में यह भी कहा गया है कि आईपीएस अफसरों को इंटेलिजेंस, इकोनॉमिक ऑफेंस, साइबर क्राइम, वीआईपी या इंडस्ट्रियल सिक्युरिटी, काउंटर इंसर्जेंसी और एंटी टेररिज्म में से किन्ही तीन फील्ड में एक्सपर्ट भी होना होगा।
ड्राफ्ट में लिखा है, "होम मिनिस्ट्री की सिफारिश है कि आईपीएस अफसर को डीआइजी, आईजी और एडीजी की पोस्ट पर प्रमोशन लेने से पहले तीन फील्ड में एक्सपर्टाइज के लिए कम से कम एक हफ्ते की ट्रेनिंग ले लेनी चाहिए।"
नए नियमों में आईपीएस अफसरों को अपना प्रोवेशन (परवीक्षा) वक्त पर पूरा करने को भी कहा गया है। डीओपीटी के प्रपोजल में कहा गया है, "होम मिनिस्ट्री का मानना है कि कई आईपीएस अफसर अपना प्रोवेशन दो साल के तय वक्त में पूरा नहीं करते लेकिन उन्हें सीनियरिटी का फायदा दिया जा रहा है।"

दूसरे डिपार्टमेंट्स में भी फिटनेस को तरजीह
प्रमोशन में फिटनेस लेवल का सिस्टम कई पैरा मिलिट्री फोर्सेस में भी लागू है। अफसरों की मानसिक सेहत, सुनने की क्षमता, आंखों की रोशनी और फिटनेस के कई जरूरी पहलुओं को ध्यान में रखते हुए प्रमोशन दिया जाता है।

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