
पुलिस के मुताबिक बच्ची का शव मिलने के बाद एफएलएल टीम और चिकित्सा अधिकारी की जाँच पर स्पष्ट हुआ की मासूम बच्ची और आरोपी के साथ संघर्ष हुआ है और संभवत: आरोपी को चोट लगी है। इसी संदेह को आधार मानकर पुलिस ने छानबीन शुरू की तो पुलिस की नज़र संदेही मनोज पुत्र जगदीश प्रजापति 22 के चेहरे पर पड़ी जिसके माथे और नाक पर रगड़ और खरोंच के निशान थे। पुलिस ने तत्काल हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू की तो उसने अपना जुर्म कबूल कर लिया। इस खुलासे से सभी को हैरान करने बाली बात ये थी कि आरोपी खुद गांव वालों और पुलिस के साथ मासूम को ढूढ़ने में मदद कर रहा था।
ग्वालियर एसपी डॉ आशीष के मुताबिक पुलिस को संदेह सबसे पहले बच्ची के जानने वालो पर ही गया क्योंकि बच्ची को स्कूल से बहाल फुसलाकर कोई नज़दीकी ही ले जा सकता हैं। जिसके बाद पुलिस की नज़र मनोज पर पड़ी उसे हिरासत में लेकर कड़ी से पूछताछ करने पर उसने अपना जुर्म कबूल कर लिया। अन्धे कत्ल का पर्दापश करने वाली टीम के बेहतर कार्य के लिए पुलिस कप्तान ने एसडीओपी यूके दिक्षितत थाना प्रभारी अलोक भदौरिया व एएसआई देवलाल कोली, एचसी अशोक, कॉनस्टेवल अमरनाथ साबिर,डेनी को 10 हज़ार रुपये इनाम देने की घोषणा की।