
एसडीओपी श्रद्धा जोशी ने बताया कि किसान दयाराम पुत्र भोलाराम लोधी (42) खेत में काम कर रहा था। इसी दौरान उसने कुएं से पानी निकालने के लिए मोटर को चालू किया तो उसे करंट लग गया। वह तेज झटके के साथ कुएं में गिर गया। उसे बचाने के लिए किसान रामबाबू पुत्र बंशीलाल लोधी (25) ने भी दौड़कर कुएं में छलांग लगा दी। यह देख जगमोहन पुत्र विजय सिंह (25) एवं उसका बड़ा भाई धीरज लोधी (34) ने भी कुएं में छलांग लगा दी। कुछ वक्त गुजर जाने के बाद भी जब चारों किसान बाहर नहीं आ सके तो छोटेलाल पुत्र राजू सेहरिया (18) भी कुएं में उतर गया लेकिन, वह भी बाहर नहीं आ सका और कुछ ही देर में कुएं में किसानों के शव उतराते नजर आए इससे पूरे गांव में मातम पसर गया।
अच्छे तैराक थे सभी
गांव के ही गुलाब सिंह का कहना है कि घटना का पता लगते ही वे ग्रामीणों के साथ कुएं पर पहुंच गए थे। उन्होंने कहा कि सभी मृतक किसान अच्छे तैराक थे। ग्रामीणों को शंका हुई कि डूबने से उनकी मौत नहीं हो सकती, जांच के बाद पता चला कि कुएं में फैले करंट की चपेट में आने से उनकी सभी की मौत हुई है।
6 घंटे बाद भी बिजली कंपनी के अधिकारी नहीं पहुंचे
यह हादसा कुएं में फैले करंट की वजह से हुआ। हालांकि ग्रामीणों ने डीपी से कनेक्शन बंद कर दिया था लेकिन बिजली कंपनी के अधिकारी घटना के 6 घंटे बाद भी मौके पर नहीं पहुंचे थे। डीपी से कनेक्शन बंद करने के बाद पूरे गांव की बिजली गुल हो गई थी। करंट कहां-कहां फैला हुआ है, इसकी जांच पड़ताल तक नहीं की गई।
डीपी में लगा जंपर तोड़ा इसके बाद शव निकाले
कुएं से मृतकों के शव निकालने के लिए ग्रामीणों ने डीपी से जंपर तोड़कर करंट को बंद किया। इसी बीच तहसीलदार बृजेश सिंह वरैया और थाना प्रभारी राजीव दुबे भी मौके पर पहुंचे। पुलिस ने ग्रामीणों की मदद से सभी के शव कुएं से बाहर निकाले। इसके बाद पीएम के लिए मधुसूदनगढ़ स्थित जिला अस्पताल भेजे।
जनप्रतिनिधि भी पहुंचे
घटना की जानकारी लगते ही पूर्व सांसद लक्ष्मण सिंह भी गांव पहुंचे और मृतकों के परिजनों से मिले। उधर, विधायक ममता मीना ने मंडल अध्यक्ष को भेजा और किसानों को आर्थिक सहायता देने की बात कही।