
लेकिन, देश में सोने की पुरानी ज्वैलरी की अहमियत को देखते हुए वित्त मंत्री अरुण जेटली ने सफाई दी है कि यह अफवाह है कि पुराने सोने की ज्वैलरी को बेचने पर किसी तरह का जीएसटी लगाया जाएगा। जेटली ने लोगों की सोने के प्रति प्रेम को देखते हुए कहा कि पुरानी ज्वैलरी पर सीजीएसटी एक्ट, 2017 का सेक्शन 9(4) नहीं लगेगा।
लिहाजा, वित्त मंत्री की सफाई से साफ है कि ज्वैलरी कारोबारियों को ग्राहकों से पुरानी ज्वैलरी के लिए कोई टैक्स नहीं वसूलना होगा क्योंकि यह ट्रांजैक्शन जीएसटी से बाहर रहेगा। गौरतलब है कि वित्त मंत्री को इस मुद्दे पर सफाई इसलिए देनी पड़ी क्योंकि एक दिन पहले रेवेन्यू सेक्रेटरी हसमुख अधिया ने जीएसटी समझाते हुए कहा था कि पुरानी ज्वैलरी खरीदने पर ज्वैलर्स को 3 फीसदी टैक्स देना होगा।
हालांकि जेटली ने कहा कि इस पुरानी ज्वैलरी पर दी गई इस छूट का फायदा ज्वैलर न उठा सकें, इसलिए इस ट्रांजैक्शन पर सेफ्टी नेट का इस्तेमाल किया गया है। जेटली ने बताया कि यदि कोई ऐसा सोने की ज्वैलरी का सप्लायर जिसका रजिस्ट्रेशन नहीं हुआ है और वह एक रजिस्टर्ड सप्लायर को ज्वैलरी बेचता है तो उसे 3 फीसदी की दर से रिवर्स चार्ज मैकेनिज्म के मद में जीएसटी का भुगतान करना होगा।