DIG संतोष सिंह ने BHOPAL POLICE को दिया फ्रीहेंड, नेतागिरी खुद संभालेंगे

भोपाल। डीआईजी संतोष सिंह ने अपनी पहली मीटिंग में साफ कर दिया कि पुलिस को केवल पुलिसिंग करनी है। यदि सूचीबद्ध बदमाशों पर भी नियंत्रण नहीं किया जा सका तो टीआई और सीएसपी को अपने पद पर नहीं रहना चाहिए। रविवार को डीआईजी संतोष सिंह ने पुलिस कंट्रोल रूम में टीआई स्तर के अधिकारियों से स्पष्ट रूप से कहा कि आप केवल अपनी काम पर ध्यान दें, बाकी सब मुझपर छोड़ दें। संकेत साफ हैं, थानों में नेतागिरी बंद कर दी जाए। 

भोपाल डीआईजी बनने के बाद संतोष सिंह आईपीएस ने पहली बार टीआई स्तर के अधिकारियों की मीटिंग ली। उन्होंने साफ कर दिया कि बीट सिस्टम की समीक्षा कर टीआई इसे मजबूत करें। सभी अपने काम पर ध्यान दें, बाकी मुझ पर छोड़ दें। रविवार की बैठक में भी सभी अधिकारी मौजूद थे, लेकिन दो घंटे तक सिर्फ डीआईजी सिंह ही निर्देश देते रहे। तीन दिन पहले डीआईजी ने सीएसपी से लेकर एसपी तक की मीटिंग ली थी।

फरार बदमाश ने दूसरी वारदात की तो बीट प्रभारी जिम्मेदार 
डीआईजी ने साफ कहा कि अब बीट सिस्टम से ही ड्यूटी होगी। बीट प्रभारी अपने स्टाप से तालमेल बैठाए और सभी अपनी-अपनी जिम्मेदारी से काम करें। अगर किसी भी बीट में वारदात के बाद आरोपी फरार होता है और वह दूसरी वारदात को अंजाम दे देता है, तो बीट प्रभारी पर कार्रवाई होगी। उन्होंने इसके साथ ही एक फिर पुराने बीट सिस्टम को लागू करने के निर्देश दिए गए।

कुछ अपना नाम बताकर बैठ गए
डीआईजी के कहने पर सभी टीआई ने अपना-अपना परिचय दिया। जो कुछ समय से ही भोपाल में पदस्थ हैं, उन्होंने तो अपना नाम बताने के बाद भोपाल में कार्यकाल की अवधि का जिक्र किया, जबकि अधिकांश सिर्फ अपना बताकर बैठ गए। उन्होंने कम बोलने में ही अपनी भलाई समझी।

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सभी टीआई को निगरानी बदमाश और गुडों की लिस्ट बनाकर उन पर नजर रखने को कहा गया है। संदिग्धें की तलाशी लेने के निर्देश दिए हैं। अगर निगरानी बदमाश या गुंडा वारदात करता है, तो टीआई और सीएसपी भी जिम्मेदार होंगे। हमारा उद्देश्य बदमाशों में खौफ और आम लोगों के मन में सुरक्षा का भाव पैदा करना है।
संतोष सिंह, डीआईजी भोपाल

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