
जिनसे कई बार काफी असहज स्थिति सामने आ रही है. इसमें बार एसोसिएशन ने साफ किया है कि महिला वकीलों और इंटर्नशिप के लिए आ रही नई लड़कियों के कपड़ों को लेकर सबसे ज्यादा शिकायत वरिष्ठ महिला वकीलों ने ही की है. पत्र में ये भी लिखा गया है कि नई महिला वकीलों और इन्टर्न्स पर कपड़ों के कारण कॉरिडोर में भद्दे कमेंट्स भी किए जाते हैं और ऐसे कमेंट्स से न्याय के मंदिर और वकालत के पेशे की गरीमा पर असर पड़ता है.
मिली जानकारी के मुताबिक करीब 100 नए वकील और इन्टर्न्स हाईकोर्ट की इंदौर खंडपीठ में वरिष्ठ वकीलों के साथ प्रैक्टिस कर रहे हैं. इनमें कई युवतियां हैं. फिलहाल कॉलेज में पढ़ाई कर रही इन युवतियों को न्यायालयीन ड्रेस कोड की पूरी जानकारी नहीं हैं और वे अदालतों को भी कॉलेज जैसा समझकर ही ड्रेस पहनकर आ रही हैं. जबकि स्टेट बार काउंसिल ने ड्रेस कोड निर्धारित किया हुआ है. हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के इस पत्र को प्रिंसिपल रजिस्ट्रार ने स्टेट बार काउंसिल को भेज दिया है. साथ ही सभी लॉ कॉलेजों को भी इसे लेकर निर्देश जारी किए गए हैं.