
बता दें कि मध्यप्रदेश सरकार द्वारा बांझपन को राज्य बीमारी सहायता निधि में सम्मिलित करते हुए लोक स्वस्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग द्वारा प्राथमिक संतानहीनता से ग्रसित गरीबी रेखा से नीचे जीवनज्ञापन करने वाले दम्पत्तियों के प्रबंध हेतु दिशा जारी किये है। यह योजना निरंतर प्रभावशील रहती है।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वस्थ्य अधिकारी डॉ.के.के.खोसला ने अवगत कराया की टेस्टट्यूब बेबी सेंटर भोपाल द्वारा विभाग से विधिवत अनुमति प्राप्त किये बिना ही दिनांक 25 एवं 26 जून 2017 को संतानहीनता के उपचार हेतु बालाघाट जिले के विभिन्न विकासखण्डों में शिविर आयोजित किये थे। जिनमें संतानहीन दंपत्ति की स्त्रीरोग विशेषज्ञ से परिक्षण कराए बिना संतानहीनता के पुष्टिकरण हेतु आवश्यक जांच कराये बिना ही पात्र एवं अपात्र दंपत्तियों को राशि 50 हजार रूपये का प्राकलन जारी कर दिया। जबकि संचालनालय स्वस्थ्य सेवाएं भोपाल द्वारा प्रदेश के मान्यता प्राप्त निजि चिकित्सालयों की सूची के अनुसार टेस्टट्यूब बेबी सेंटर भोपाल को बांझपन के उपचार हेतु दी गई मान्यता की अवधि 31 मार्च 2017 को समाप्त हो चुकी थी।
मान्यता अवधि समाप्ति के उपरांत टेस्टट्युब बेबी सेंटर भोपाल द्वारा अवैधानिक रूप से संतानहीन दंपत्तियों को जारी किये गये प्राकलन को अमान्य कर दिया गया है। डॉ. खोसला ने यह बताया की वर्तमान में संचालनालय स्वास्थ्य सेवायें द्वारा बांझपन के उपचार हेतु बंसल हास्पिटल शाहपुरा भोपाल की मान्यता दिनांक 31 दिसंबर 2019 तक की बडा दी गई है।
जिले की संतानहीन दम्पत्तियों को निर्धारित प्रक्रिया पूर्ण कर संतानहीनता की पुष्टिकरण हेतु जिला मेडिकल बोर्ड से प्रमाणपत्र प्राप्त करना होगा तथा मान्यता प्राप्त अस्पताल से प्राकलन बनवाकर निर्धारित प्रारूप में आवेदन कर इस सहायता का लाभ ले सकेगें।