AE ने दे दिया पासवर्ड, आॅपरेटर ने लाखों की चपत लगा दी, सस्पेंड

जबलपुर। जिन अधिकारियों के पास पॉवर होता है वो अक्सर आॅनलाइन कामों से दूर भागते हैं। एक आॅपरेटर रख लेते हैं और उसे सारे लॉगइन पासवर्ड बता दिए जाते हैं। यहां भी ऐसा ही हुआ। एई तपन कुमार ने अपना पासवर्ड आॅपरेटर को दे दिया। आॅपरेटर ने एडजस्टमेंट पॉवर का यूज करते हुए दनादन कई सारे बिलों में बिल राशि कम कर दी। बिजली कंपनी को लाखों की चपत लग गई और एई को पता ही नहीं चला। जब मामले का खुलासा हुआ तो एई खुद को निर्दोष बताने की कोशिश करता दिखाई दिया। विभाग ने उसे सस्पेंड कर दिया है। 

सुविधा को बदला फायदे में
बिजली कंपनी बिल कम्प्यूटर केयर एंड बिलिंग (सीसीएंडबी) सॉफ्टवेयर पर तैयार करती है। बैंक की तरह ही कंपनी के इंजीनियर और बाबू सभी को लॉगिन आईडी और पासवर्ड मिला है। हर कर्मचारी अपने सीके्रट पासवर्ड के जरिए ही काम करता है। नगर संभाग पूर्व में असिस्टेंट इंजीनियर तपन कुमार की लॉगिन से हजारों रुपए के बिल में डिस्काउंट दिया गया। कंपनी ने सॉफ्टवेयर में री-बिलिंग और एडजस्टमेंट का ऑप्शन दिया है। जेई या इससे ऊपर के अधिकारी वाजिब कारण से बिल में संशोधन कर सकते हैं। जिस असिस्टेंट इंजीनियर की लॉगिन से बिल कम हुए, उसके मुताबिक उसने गोपनीय पासवर्ड दफ्तर में काम करने वाले डाटा एंट्री ऑपरेटर आकाश मिश्रा बता रखा था। वह बिल से जुड़े मामलों में संशोधन करता था। आकाश ने इसी लॉगिन के जरिए एडजस्टमेंट का आप्शन उपयोग करते हुए बिल में छूट दी।

शक हुआ तो दो महीने की मॉनीटरिंग
पिछले कई महीने से लगातार छूट के आंकड़ों ने मुख्य अभियंता को भी हैरान कर दिया। उन्होंने कार्यपालन अभियंता शरद बिसेन को जांच की जवाबदारी दो महीने पहले दी। जिसमें देखा कि एक ही आईडी से एडजस्टमेंट किया गया।

मॉनीटरिंग ही नहीं
सॉफ्टवेयर में री-बिलिंग और एडजस्टमेंट का ऑप्शन कंपनी ने दिया है। री-बिलिंग में यूनिट में बदलाव होता है। एडजस्टमेंट में उपभोक्ता के बिल की राशि में सीधे संशोधन हो सकता है। संशोधन की वजह भी सॉफ्टवेयर में दर्ज करनी होती है। अफसर इसकी मॉनीटरिंग समय-समय पर करते तो उन्हें पहले ही यह फर्जीवाड़ा पकड़ में आता।

एक्शन में अफसर
मामला सुर्खियों में आया तो शनिवार को मुख्य अभियंता कार्यालय एक्शन में आया। तत्काल सिटी सर्किल के अफसरों की बैठक बुलाई। जांच का दायरा बढ़ाकर पूरे शहर में लागू कर दिया। इसके अलावा नगर संभाग पूर्व के जोन दो में पदस्थ असिस्टेंट इंजीनियर तपन कुमार सर्किल को निलंबित कर डिंडौरी में अटैच करने का फैसला लिया।

ये लापरवाही पड़ी भारी
मुख्य अभियंता से लेकर कार्यपालन अभियंता तक किसी ने एडजस्टमेंट के आंकड़ों पर गौर नहीं किया, सिर्फ वसूली पर फोकस। संभागभर में इंजीनियरों ने ज्यादातर ऑपरेटर को गोपनीय पासवर्ड और लॉगिन दे रखा है। कंपनी समय-समय पर अफसरों को लॉगिन और पासवर्ड में बदलाव करने की हिदायत देती है।

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