नई दिल्ली। भारतीय रेलवे एक लाख लोगों को नौकरी देने की तैयारी में है और बेरोजगारों के लिए बहुत बड़ी खबर है। शुरुआती तौर पर इस प्रस्ताव को सैद्धांतिक मंजूरी मिल चुकी है। माना जा रहा है कि इनमें से अधिकांश पद संरक्षा (सेफ्टी) से जुड़े होंगे। हालांकि भर्ती प्रक्रिया में अभी कुछ समय लग सकता है। आपको बता दें कि बीते कुछ समय से इतनी बड़ी तादाद में कभी भी भर्तियां नहीं की गईं हैं। रेलवे से सूत्रों का कहना है कि यह भी संभव है कि ये भर्तियां एक साथ करने की बजाय कई चरणों में की जाए। हो सकता है कि पहले गैंगमैन की भर्ती हो और उसके कुछ वक्त बाद किसी खास कैटेगरी में भर्ती की जाए। रेलवे सूत्रों का कहना है कि चूंकि पहले से ही मंजूर पद खाली पड़े हैं, इसलिए उन पदों पर भर्ती करने के लिए कैबिनेट से मंजूरी की जरूरत नहीं होगी।
रेलवे यूनियन नेता शिवगोपाल मिश्रा के मुताबिक, इस वक्त रेलवे में संरक्षा (सेफ्टी) से जुड़े लगभग ढाई लाख पद खाली पड़े हैं। यदि सरकार इन पदों को भरती है तो यह रेलवे के लिए अच्छा संकेत हैं। रेलवे यूनियन लंबे वक्त से यह मांग कर रही है कि अगर रेलवे को सेफ्टी पर फोकस करना है तो उसे सेफ्टी के खाली पड़े पदों को भरना चाहिए।
वहीं भाजपा से जुड़े सूत्रों का कहना है कि रेलवे का एक लाख पद भरने का फैसला मोदी सरकार के लिए बड़ी राहत ला सकता है। पार्टी का मानना है कि भले ही ये पद एक लाख हों, लेकिन इसके लिए लाखों की तादाद में युवक आवेदन करेंगे। जाहिर है कि इससे यह संदेश जाएगा कि मोदी सरकार के कार्यकाल में नौकरियां दी जा रही हैं।
विपक्ष लगातार मोदी सरकार पर बेरोजगारी को लेकर हमले कर रहा है। खुद मोदी सरकार को भी महसूस हो रहा है कि रोजगार के मोर्चे पर उसके लिए विपक्ष को जवाब देना भारी पड़ रहा है। भाजपा के कई नेता भी मानते हैं कि रोजगार ही ऐसा मुद्दा है, जिसे लेकर सरकार को असहज स्थिति का सामना करना पड़ता है। खासतौर पर नोटबंदी के बाद सरकार को यह आरोप झेलने पड़ रहे हैं कि रोजगार बढ़ने के बजाय नोटबंदी से रोजगार के मौके कम हुए हैं।