
उन्होंने बताया कि उनके पति स्वर्गीय बृज बिहारी प्रसाद ने कहा था कि जमीन अगर लालू यादव के नाम से कर दिया जायेगा तो उस क्षेत्र का विकास हो जायेगा क्योंकि उस समय लालू यादव मुख्यमंत्री थे। रजिस्ट्री में तेज प्रताप द्वारा सेवा किये जाने से प्रभावित होकर जमीन लिखने के सवाल पर उन्होंने कहा कि तेज प्रताप क्या सेवा करेगा? केवल पति के कहने पर ही जमीन लिख दी थी।
मंत्री पद अथवा टिकट के नाम पर जमीन लिखे जाने के सवाल से भी इनकार करते हुए रमा देवी ने कहा कि ऐसी कोई बात नहीं है। लोकसभा का टिकट उन्हें 1998 में मिला था। वहीं, पति द्वारा बरगलाकर जमीन रजिस्ट्री करवाए जाने से भी उन्होंने इनकार किया है।
दरअसल, 23 मार्च 1992 को रमा देवी ने लालू प्रसाद के बड़े बेटे तेज प्रताप के नाम से जमीन रजिस्ट्री स्वेच्छा भाव से सेवा सुश्रुषा के एवज में गिफ्ट की थी। उस समय तेजप्रताप का उम्र 3 वर्ष 8 महीना था। जमीन मुजफ्फरपुर जिले के कुढ़नी थाना क्षेत्र स्थित किशुनपुर मधुबन गांव में दो प्लॉट में 13 एकड़ 12 डिसमिल है। जिसमें एक प्लॉट तीन एकड़ 88 डिसमिल और 9 एकड़ 24 डिसमिल की कीमती जमीन है। उसके कुछ साल बाद ही बृज बिहारी की हत्या हो गई थी।