14 साल में 25वें तबादले से गुस्साई महिला तहसीलदार, मोदी को लिखा खत

भोपाल। 14 साल के सेवाकाल में महिला तहसीलदार अमिता सिंह तोमर का 25वां तबादला हो गया। अपनी वर्तमान पोस्टिंग में वो 3 महीने पहले ही आईं थीं। अब उन्हे 800 किलोमीटर दूर भेज दिया गया है। तंग आकर अमिता ने विभागीय अधिकारियों से लेकर पीएम नरेंद्र मोदी तक को चिट्ठी लिख डाली। उनका कहना है कि तबादला कर उन्हें बार-बार प्रताड़ित किया जा रहा है। तहसीलदार अमिता सिंह तोमर वर्तमान में तहसील ब्यावरा जिला राजगढ़ म प्र में पदस्थ हैं। 6 अप्रैल को ही उन्होंने यहां कार्यभार संभाला था। 12 जुलाई को जारी हुई लिस्ट में उनका ट्रांसफर कर सीधी जिले में कर दिया गया। उनका कहना है कि मुझे जब भी स्थानांतरित किया गया तब मुझे कम से कम 500 किलोमीटर दूर भेजा गया। 

पत्र में महिला अधिकारी ने लिखा है कि मैंने राजगढ़ जिला 19/9/2016 को ही ज्वाइन किया था, तहसीलदार सारंगपुर राजगढ़ के रूप में। मुझे अगले ही दिन 20/9/2017 को तहसील नरसिंहगढ़ भेज दिया एवं वहाँ से कुछ ही महीनों में 31 मार्च को मुझे तहसील ब्यावरा भेज दिया गया। मेरे विरुद्ध ना जन शिकायत आई, ना मुझ पर कोई लेनदेन या भ्रष्टाचार का आरोप लगा। ना मेरे कार्यकाल में कोई फाइल लम्बित होती है। राजस्व एवं बैंक वसूली में राज्य में श्रेष्ठतम रहती हूँ। अतिक्रमण हटाने में भी शीर्ष पर रहती हूँ। हर वर्ष CR क+ रहती है। सैकड़ों मेडल पुरस्कार मिले, सिंहस्थ में तो दो प्रमाण पत्र एवं एक मेडल मिला। इतना सब कार्य करने के बाद मेरा ही स्थानांतरण इस तरह क्यों किया जा रहा है। अधिकांश तहसीलदारों की पूरी सेवा 2-4 जिलों में ही निकल जाती है पर मेरे तो अभी तक 9 जिले एवं 25 तहसील हो गईं। अधिकारी का कहना है कि मैं अकेली महिला कितनी परेशानी का सामना करती हूँ यह मैं जानती हूँ। बच्चों की पढ़ाई भी दूर हो रही है। 

तबादला प्रक्रिया पर सवाल खड़े करते हुए महिला अधिकारी ने कहा है कि ऑनलाइन ट्रांसफर के लिए उन्होंने अपने गृहजिले के आसपास की जगह ग्वालियर एवं श्योपुर चाहा था परन्तु इतना दूर। मुझे हमेशा अधिकांशतः ऐसी जगह भेजा जाता है जहाँ लिए सीधे एवं मुख्य रेल लाइनें भी नहीं होती। हर बार मेरा तबादला 500 किमी दूर किया जाता है। अमिता सिंह का कहना है कि मैंने कौन बनेगा करोड़पति में 50 लाख का पुरस्कार जीता था तो मुझे KBC वाली मेडम कहते थे सब पर अब मुझे ट्रांसफर वाली मेडम कहा जाता है। 

अमिता सिंह से जुड़े कुछ विवाद और शिकायतें
अमिता सिंह ने अपने पत्र में दावा किया है कि वो एक ईमानदार अधिकारी हैं। अपना काम समय पर पूरा करतीं हैं। उनकी कहीं कोई शिकायत नहीं है परंतु जानकारी आ रही है कि उनके खिलाफ कुछ शिकायतें भी हुईं हैं और इंदौर पोस्टिंग के समय उन्हे सस्पेंड भी किया गया। इसके अलावा वो सुसाइड की कोशिश भी कर चुकीं हैं। 

विजयपुर, कराहल में कई घोटालों में आया नाम
अमिता सिंह तोमर विजयपुर व कराहल में ढाई साल से ज्यादा तहसीदार रही हैं। दोनों ही जगह उनका नाम कई घोटालों में आया। विजयपुर में सरकारी व भू-दान की जमीनों के पट्टे करवाने, स्टांप के बिना रजिस्ट्री करवाने एवं कराहल में बाहरी लोगों को सरकारी जमीन पर पट्टा देने में भी अमिता सिंह का नाम आ चुका है लेकिन उनके खिलाफ कोई विभागीय कार्रवाई नहीं हुई। श्योपुर के तत्कालीन अपर कलेक्टर वीके सिंह ने बताया था कि पूर्व तहसीलदार अमिता सिंह द्वारा चकरामपुरा में 14 लोगों को 125 बीघा जमीन के पट्टे व उनका अमल पूरी तरह फर्जी पाया गया है। इन पट्टों को निरस्त कर जमीन सरकारी घोषित कर दी है। तहसीलदार पर भी विभागीय जांच बैठाई गई है। 

दलित आदिवासियों की जमीन दबंगों के नाम 
अपर कलेक्टर कोर्ट में चल रही एक जांच के अनुसार अमिता सिंह ने कराहल तहसीलदार रहते हुए आदिवासी व दलितों की सैकड़ों बीघा जमीन दबंगों के नाम कर दी है। जबकि ऐसे मामलों मे कलेक्टर के आदेश होना चाहिए, लेकिन अमिता सिंह ने किसी भी मामले में कलेक्टर से परमिशन नहीं ली। जांच में 61 मामले सामने आए। जिनमें अमिता सिंह ने 300 बीघा से ज्यादा जमीन फर्जी तरीके से अपात्र लोगों के नाम कर दी। 

आत्महत्या की कोशिश भी कर चुकी है अमिता सिंह
रतलाम में पिछले साल अमिता सिंह तोमर ने अपने शासकीय निवास पर जहर खाकर आत्महत्या का प्रयास किया था। अधिकारिक जानकारी के अनुसार, 11 जनवरी 2015 को मूंदडी टप्पे की तहसीलदार अमिता सिंह पति संग्राम सिंह तोमर 45 ने पावर हाउस रोड स्थित अपने शासकीय आवास में दोपहर करीब तीन बजे फिनाईल पी लिया। तबियत खराब होने पर उन्हे जिला चिकित्सालय ले जाया गया। प्राथमिक उपचार के बाद चिकित्सकों ने उन्हे खतरे से बाहर घोषित कर दिया। प्रारंभिक तौर पर यह माना गया था कि पारिवारिक कारणों के चलते उन्होने ऐसा कदम उठाया है। उल्लेखनीय है कि रतलाम में पदस्थ होने के बाद उक्त महिला तहसीलदार अलग अलग कारणों से चर्चाओं में रहीं। श्रीमती तोमर निलम्बित थी और उनका निलम्बन समाप्त कर उन्हे रतलाम में पदस्थ किया गया था।

तहसीलदार अमिता सिंह के खिलाफ धोखाधड़ी की शिकायत
एक जून 2012 की एक खबर के मुताबिक  केबीसी (कौन बनेगा करोड़पति) सीजन-5 में 50 लाख रुपए जीतने के बाद देशभर में चर्चित हुईं श्योपुर जिले में तहसीलदार अमिता सिंह के खिलाफ ग्वालियर की गीता कुशवाह ने धोखाधड़ी की शिकायत की थी। उन पर आरोप था कि उन्होंने सिटी सेंटर ग्वालियर स्थित फ्लैट को बेचने का एग्रीमेंट कर 25 हजार का बयाना ले लिया, लेकिन उन्होंने न तो रजिस्ट्री की और न ही बयाना वापस किया। अमिता ने ग्वालियर के आदित्यपुरम इलाके में रहने वाली गीता कुशवाह से 14 अक्टूबर 2006 को एक एग्रीमेंट किया था। एग्रीमेंट के मुताबिक अमिता ने सिटी सेंटर अनुपम नगर स्थित साया अपार्टमेंट के फ्लैट नंबर 203 को बेचने का सौदा गीता कुशवाह से किया था। गीता ने इसके लिए उन्हें एडवांस में 25 हजार रुपए दिए थे। पंद्रह दिन के अंदर उक्त फ्लैट की रजिस्ट्री होनी थी। उस समय अमिता सिंह सीहोर में पदस्थ थीं। गीता का आरोप है कि एग्रीमेंट करने के बाद वे सीहोर चली गईं और एक-दो दिन में आकर रजिस्ट्री करने की बात कहकर मामले को टालती रहीं। इसके बाद गीता ने उनसे रजिस्ट्री करने या पैसे वापस करने को कहा। तब श्रीमती सिंह ने उन्हें आश्वासन दिया कि वे रजिस्ट्री कर देंगी। समय बीतने के साथ ही अमिता ने पैसा वापस करने से टाल-मटोल करना शुरू कर दिया। गीता ने कमिश्नर से लेकर लोकल थाने तक कई जगह शिकायत की थी। 

मोबाइल की दुकान में छापा
रतलाम के स्टेशन रोड़ पुलिस थाने में पैलेस रोड़ स्थित मोबाइल की दुकान के संचालक नारायणसिंह ने भोपाल के रजिस्ट्रेशन नंबर वाली पीली बत्ती वाली जीप में सवार होकर एक महिला के दुकान पर आने और खुद को तहसीलदार बताकर 50 मोबाइल जब्त कर ले जाने की शिकायत की थी। इसकी जांच में पता चला कि मोबाइल जब्त करने की यह कार्यवाही तहसीलदार अमिता सिंह तोमर ने की थी और उन्हें एक दिन पहले ही रतलाम से सैलाना के लिए कार्यमुक्त कर दिया गया था। तहसीलदार के पास मुंदड़ी कस्बे का प्रभार था और वे शहरी क्षेत्र में कार्यवाही नहीं कर सकती थी। यह मामला प्रकाश में आने पर कलेक्टर श्री चंद्रशेखर ने एसडीएम नेहा भारतीय को मामले की जांच के आदेश दिए थे। 

सोशल मीडिया पर राजनीति 
अमिता सिंह ने फेसबुक वाॅल पर लिखा था- प्रधानमंत्री अफगानिस्तान गए। वहां मुसलमानों ने भारत के झंडे लेकर सड़क पर ‘वंदे मातरम्’ और ‘भारत माता की जय’ के नारे लगाए।प्रधानमंत्री से अनुरोध है कि वे ‘राजीव गांधी आत्महत्या योजना’ शुरू करें ताकि सेक्युलर और कांग्रेसी विचार वाले ऐसी खबर सुनकर आत्महत्या कर सकें। सोशल मीडिया पर विरोध होने के बाद अमिता सिंह ने फेसबुक पोस्ट हटा दिया।

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