ममता के बंगाल में खत्म नहीं होगा VIP कल्चर, मोदी की लालबत्ती का तोड़ निकाला

नई दिल्ली। मोदी सरकार ने भले ही देश भर में वीआईपी कल्चर खत्म करने के लिए अकड़ का प्रतीक लालबत्ती को हटाने के आदेश जारी कर दिए हों परंतु ममता बनर्जी की सरकार ने इसका नया तोड़ निकाल लिया है। पश्चिम बंगाल में वीआईपी कल्चर जारी रखने के लिए तय किया गया है कि वरिष्ठ अधिकारी अपने सरकारी वाहनों पर अलग-अलग तरह के झंडे लगा सकते हैं। इस फ्लैग स्कीम के मुताबिक, तीन तरह के झंडे जो आयताकार, तिकोने या बीच से कटे हुए झंडों को कार के बोनट पर लगाया जाएगा। इनका प्रयोग सिर्फ तभी किया जा सकेगा, जब अधिकारी ड्यूटी पर होंगे। नोटिफिकेशन में कहा गया है कि यह स्कीम विभिन्न स्तरों पर सरकार का प्रतिनिधित्व करने वाले आईएएस अधिकारियों के लिए होगी।

प्रशासनिक एवं कार्मिक विभाग ने सोमवार को नोटिफिकेशन जारी कर इसकी सूचना दी। इसमें कहा गया है कि कई राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर के प्रशासकों से मिलने पर इस बात की जरूरत महसूस की गई कि वरिष्ठ अधिकारियों की गाड़ियों पर झंडा लगा होने से सरकार के उद्देश्यों का पता चलेगा तथा प्रोटोकॉल का उल्लंघन किए बिना आराम से परस्पर बातचीत की जा सकेगी।

गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने वीआईपी कल्चर को बढ़ावा देने वाली लाल बत्ती को एक मई से बैन कर दिया था। तीन साल पहले सुप्रीम कोर्ट ने सरकार से कदम उठाने को कहा था। अब सिर्फ एनफोर्समेंट एजेंसीज जैसे पुलिस और आपदा प्रबंधन की गाड़ियों को ही मल्टीपल कलर की बत्ती का उपयोग करने की इजाजत है। बावजूद इसके पश्चिम बंगाल में अभी भी बड़ी संख्या में वीआईपी और अधिकारी नीली बत्ती लगी गाड़ियों में चल रहे हैं।

पश्चिम बंगाल, बिहार, उत्तर प्रदेश और राजस्थान सहित कई राज्यों ने लाल बत्ती पर प्रतिबंध लगाने पर आपत्ति जताई थी। सूत्रों का कहना था कि कानून और व्यवस्था की समस्याओं और प्रवर्तन के मामले में इस तरह के प्रतिबंध से चुनौतियों का सामना करने में परेशानी होगी। विभाग ने कहा है कि राष्ट्रीय ध्वज के अलावा किसी भी अन्य ध्वज का उपयोग केंद्रीय / राज्य मोटर वाहन अधिनियम या नियमों के तहत प्रतिबंधित नहीं है।

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