
प्रशासनिक एवं कार्मिक विभाग ने सोमवार को नोटिफिकेशन जारी कर इसकी सूचना दी। इसमें कहा गया है कि कई राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर के प्रशासकों से मिलने पर इस बात की जरूरत महसूस की गई कि वरिष्ठ अधिकारियों की गाड़ियों पर झंडा लगा होने से सरकार के उद्देश्यों का पता चलेगा तथा प्रोटोकॉल का उल्लंघन किए बिना आराम से परस्पर बातचीत की जा सकेगी।
गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने वीआईपी कल्चर को बढ़ावा देने वाली लाल बत्ती को एक मई से बैन कर दिया था। तीन साल पहले सुप्रीम कोर्ट ने सरकार से कदम उठाने को कहा था। अब सिर्फ एनफोर्समेंट एजेंसीज जैसे पुलिस और आपदा प्रबंधन की गाड़ियों को ही मल्टीपल कलर की बत्ती का उपयोग करने की इजाजत है। बावजूद इसके पश्चिम बंगाल में अभी भी बड़ी संख्या में वीआईपी और अधिकारी नीली बत्ती लगी गाड़ियों में चल रहे हैं।
पश्चिम बंगाल, बिहार, उत्तर प्रदेश और राजस्थान सहित कई राज्यों ने लाल बत्ती पर प्रतिबंध लगाने पर आपत्ति जताई थी। सूत्रों का कहना था कि कानून और व्यवस्था की समस्याओं और प्रवर्तन के मामले में इस तरह के प्रतिबंध से चुनौतियों का सामना करने में परेशानी होगी। विभाग ने कहा है कि राष्ट्रीय ध्वज के अलावा किसी भी अन्य ध्वज का उपयोग केंद्रीय / राज्य मोटर वाहन अधिनियम या नियमों के तहत प्रतिबंधित नहीं है।