उपदेश अवस्थी/भोपाल। 5 साल पहले यही मध्यप्रदेश था और मुख्यमंत्री की कुर्सी पर यही शिवराज सिंह, परंतु तब बात और हुआ करती थी। किसान के हर दर्द में प्रदेश का मुख्यमंत्री खेतों के बीच खड़ा दिखाई देता था परंतु अब बात बदल गई है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह, अब चीफ मिनिस्ट शिवराज सिंह चौहान हो गए हैं। भड़का हुआ किसान, तपती हुई सड़कों पर आंदोलन कर रहा है और शिवराज सिंह दो चार ट्वीट करके उन्हे शांत कराने की कोशिश कर रहे हैं।
70 मिनट तक नॉनस्टॉप और दिल को छू जाने वाला भाषण देने वाले शिवराज सिंह अब 60 शब्दों वाला ट्वीट करने लगे हैं। उचित मूल्य के लिए अपना अनाज, दूध और सब्जियां बर्बाद कर रहे किसानों को शांत कराने के लिए शिवराज सिंह ना तो खुद किसानों के बीच आए हैं और ना ही अब तक कोई मंत्री किसानों के बीच नहीं भेजा। बस अपने ट्विटर हेंडल @ChouhanShivraj से अपील जारी कर रहे हैं। उन्होंने लिखा है कि:
मैं अपने किसान भाइयों से आग्रह करता हूँ कि आप किसी के बहकावे में न आयें। आपकी हर समस्या के समाधान के लिए मैं प्रतिबद्ध हूँ।
एक अन्य ट्वीट में उन्होंने लिखा
मैं स्वयं भी किसान हूँ। आपकी समस्या मुझसे बेहतर कोई नहीं समझ सकता। हर हाल में आपकी परेशानी दूर होगी। अन्नदाता के साथ मैं और पूरा प्रदेश है।
एक मार्मिक अपील भी ट्वीट की
'मेरे किसान भाइयों को सब्जी फल दूध की उचित कीमत ना मिलने के कारण परेशान हो रही है, उन्हें चिंता करने की जरूरत नहीं है, मैं उनके साथ हूं, मैं अपने किसान भाइयों से आग्रह करता हूं कि, आप किसी के बहकावे में ना आएं। आपकी हर समस्या के समाधान के लिए मैं प्रतिबद्ध हूं, मैं स्वयं भी किसान हूं आपकी समस्या मुझसे बेहतर कोई नहीं समझ सकता हर हाल में आपकी परेशानी दूर होगी अन्नदाता के साथ में और पूरा प्रदेश खड़ा है।'
लेकिन सवाल यह है कि क्या इस तरह के ट्वीट से किसान शांत होने वाला है। वो राहत की मांग लेकर आया है। उसे मीठे रस टपकाते ट्वीट नहीं चाहिए। हे शिवराज, झुलसती गर्मी से इतना भी क्या डरना, कम से कम किसानों से मिलने के लिए सीएम हाउस से बाहर तो आओ।