MP: कर्मचारियों के तबादलों की लास्ट डेट बदली

भोपाल। मध्यप्रदेश शासन ने वृक्षारोपण के नाम पर अपनी आॅनलाइन तबादला सिस्टम की गलती को छुपाने की कोशिश की है। सामान्य प्रशासन विभाग की ओर से जारी आदेश में आज कहा गया है कि 2 जुलाई को वृक्षारोपण कार्यक्रम के कारण तबादलों की लास्ट डेट 10 जुलाई कर दी गई है। याद दिला दें कि पुराने आदेश के अनुसार तबादलों की प्रक्रिया 1 जून से शुरू होकर 30 जून को समाप्त हो जानी थी। अब तक तबादलों के लिए 28 हजार कर्मचारियों ने अप्लाई किया है। 

क्या है मामला
शासकीय कर्मचारी और अधिकारियों के लिये शुरू किया गया आॅनलाइन तबादला सिस्टम पहली बार में ही फेल हो गया। राज्य सरकार ने तबादलों के लिए 30 जून अंतिम तिथि मुकर्रर की है लेकिन अबतक एक भी विभाग अपनी सूची जारी नहीं कर सका है। आईएफएमआईएस में तमाम खामियां होने से 28 हजार से अधिक आवेदनों का निराकरण करना कठिन हो गया है। विभागों के अनुसार आवेदन प्रस्तुत करते समय कई जानकारियां नहीं मांगी गई हैं जिससे रिकार्ड को लेकर गड़बड़झाला हो सकता है। ऐसे कर्मचारी और अधिकारी जो स्वेच्छा से अपना स्थानान्तरण चाहते हैं उन्हें 15 जून तक आॅनलाइन आवेदन देना थे। 

राज्य सरकार का दावा था कि आॅनलाइन आवेदन मंगाये जाने से पारदर्शिता रहेगी। कर्मचारी से प्राथमिकता के आधार पर तीन च्वाइस मांगे गये थे। अब तक 28 हजार से अधिक आवेदन विभागों में पहुंच चुके हैं। स्वास्थ्य विभाग में चार हजार से अधिक आवेदन आये हैं तो स्कूल शिक्षा विभाग में आवेदनों का आंकड़ा पांच हजार तक पहुंच गया है। उच्च शिक्षा विभाग में भृत्य से लेकर प्रोफेसर तक ढाई हजार के करीब आवेदन पहुंचे हैं। ये सभी आवेदन धरे के धरे हैं।

वापस किए गए हजारों आवेदन
आधी-अधूरी जानकारी मिलने से विभागों ने हजारों की संख्या में आवेदन वापस कर दिये हैं। ऐसे में कर्मचारी परेशान हैं कि पोर्टल में जो कॉलम ही नहीं है उसकी पूर्ति वे कैसे करें। इन गड़बड़ियों के चलते 30 जून के पहले तबादलों की सूची जारी होना कठिन हो गया है।

आॅनलाइन पर अड़ा सामान्य प्रशासन विभाग 
इधर सामान्य प्रशासन विभाग के सख्त निर्देश हैं कि कर्मचारियों के तबादले आॅनलाइन ही होंगे। अगर आॅफ लाइन तबादले हुए तो कर्मचारी को ज्वाइन करने के बाद वेतन मिलना मुश्किल होगा क्योंकि पोर्टल में दर्ज नहीं हो सकेगा। एक बड़ी कठिनाई यह भी आ रही है कि जो कर्मचारी पदस्थ कहीं है और वेतन कहीं से ले रहा है, तबादला होने के बाद उसका वेतन भी झमेले में पड़ जायेगा।

इन खामियों के चलते अटक गए तबादले
विभागों से मिली जानकारी के अनुसार आॅनलाइन आवेदन मंगाने के दौरान यह प्रावधान नहीं किया गया है कि आवेदक अपनी जन्मतिथि बताये। जन्मतिथि बताने का कॉलम नहीं होने से विभागों को पता ही नहीं चल पायेगा कि कर्मचारी या अधिकारी कब रिटायर होगा। राज्य शासन का नियम है कि जो कर्मचारी एक साल के भीतर रिटायर होगा, उसका तबादला नहीं होगा। यह भी नहीं पूछा गया है कि एम्पलाई वर्तमान पद में कब से पदस्थ है। जिला कॉडर में एम्पलाई कोर्ड क्लीयर नहीं है। डाक्यूमेंट अपलोड करने का कोई कॉलम नहीं है।

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