
उन्होंने अवगत कराया कि पॉलीथिन बनाए और बेचे जाने पर प्रतिबंध के बाद से प्रदेश में कई जगह छापेमारी अभियान चलाकर निर्माताओं और विक्रेताओं के खिलाफ अपराध पंजीबद्घ किए गए हैं। इसी वजह से मेसर्स पॉपुलर प्लास्टिक एंड फाइव अदर्स के द्वारा याचिका के जरिए हाईकोर्ट की शरण ली गई है।
ऐसे में सरकार की ओर से यह साफ किया जाता है कि कानूनी कार्रवाई सिर्फ उन लोगों के खिलाफ की जाएगी जो प्रतिबंध आदेश का उल्लंघन करते हुए पकड़े जाएंगे। लेकिन जिन व्यापारियों के गोदामों में पहले से बन चुका माल स्टोर है, उन्हें माल डंप रखे जाने की सूरत में किसी तरह परेशान नहीं किया जाएगा। हाईकोर्ट ने इस जानकारी को रिकॉर्ड पर ले लिया। इसी के साथ याचिकाकर्ताओं को सशर्त राहत मिल गई।