GST: बच्चों के बिस्किट पर 18 और गरीब की बीड़ी पर 28% टैक्स

नई दिल्ली। जीएसटी काउंसिल की श्रीनगर में हुई दूसरी मीटिंग में गरीब की बीड़ी और बच्चों के बिस्किट समेत कई उत्पादों पर टैक्स तय किए गए। सरकार ने बच्चों के बिस्किट पर 18% टैक्स लगाया है जबकि अब तक गरीब या मिडिल क्लास फेमिली के बच्चों के तैयार किए जाने वाले बिस्किट्स पर कोई एक्साइज ड्यूटी नहीं लगती थी। इसके अलावा सरकार ने गरीब की बीड़ी पर 28% टैक्स तय किया है। 

जीएसटी काउंसिल ने शनिवार को गोल्ड, बिस्किट, बीड़ी, टेक्सटाइल्स, फुटवियर और एग्रीकल्चर मशीन पर टैक्स स्लैब तय कर दिए। मीटिंग के बाद अरुण जेटली ने बताया कि गोल्ड पर 3% टैक्स लगेगा। आज जिन चीजों के रेट तय किए गए, उनमें बीड़ी पर सबसे ज्यादा 28% टैक्स रखा गया है। इसके अलावा 500 रुपए से कम के फुटवियर पर 5% टैक्स लगेगा। सभी राज्य 1 जुलाई से जीएसटी लागू करने पर राजी हो गए हैं। जीएसटी काउंसिल की पिछली मीटिंग भी श्रीनगर में ही हुई थी। उसमें 1200 से ज्‍यादा गुड्स और 500 से ज्यादा सर्विसेज पर टैक्‍स रेट तय हुआ था। 

1) गोल्ड जीएसटी के बाद:3% टैक्स
अभी कितना टैक्स:अभी 10% कस्टम ड्यूटी। मैन्युफैक्चरिंग पर 1% एक्साइज। बिक्री पर 1% वैट लगता है। केरल में वैट 5% है। रफ डायमंड पर 0.25%। 

2) टेक्सटाइल
अभी कितना टैक्स: कॉटन फाइबर और फैब्रिक पर 0% तो सिंथेटिक पर 12.5% एक्साइज है। 1,000 रु. से कम के कपड़े पर एक्साइज नहीं लगता। इससे ज्यादा पर 12.5% एक्साइज और 5% वैट है। ब्रांडेड कपड़े पर सेनवैट के साथ 12.5% टैक्स है। कॉटन पर यह 6% है।

जीएसटी के बाद: सिल्क और जूट पर कोई टैक्स नहीं लगेगा। कॉटन और नेचुरल फाइबर पर 5% टैक्स लगेगा। 1000 रुपए से कम के गारमेंट पर 5% और रेडीमेड गारमेंट पर 12% टैक्स लगेगा। मैनमेड यार्न और फैब्रिक पर 18% टैक्स लगेगा।

3) बिस्किट
अभी कितना टैक्स: 100 रुपए/किलो से कम दाम वाले बिस्किट पर एक्साइज नहीं लगता, वैट 4.5% से 14.5% तक है। ज्यादा कीमत वाले बिस्किट पर 6% एक्साइज, वैट 6-14.5% तक है। ओवरऑल ये 12% से 20.5% तक रहता है।
जीएसटी के बाद: सभी तरह के बिस्किट पर 18% टैक्स।

4) बीड़ी-तेंदूपत्ता
अभी कितना टैक्स: अभी इस पर 20% टैक्स लगता है। 
जीएसटी के बाद: बीड़ी के पत्ते पर 18% टैक्स। बीड़ी पर 28% टैक्स लगेगा, लेकिन कोई सेस नहीं लगेगा।

5) फुटवियर
अभी कितना टैक्स:फिलहाल 500 से 1000 रुपए तक की कीमत वाले फुटवियर पर 6% टैक्स लगता है। इसके अलावा राज्य वैट भी लगाते हैं।
जीएसटी के बाद:500 रुपए तक 5% टैक्स लगेगा। 500 रुपए से ज्यादा कीमत वाले फुटवियर पर 18% होगा।

6) एग्रीकल्चर मशीनें
- एग्रीकल्चर मशीनों पर 5% जीएसटी लगाया जाएगा।
- इसके अलावा सोलर पैनल पर 5% टैक्स लगेगा। इसके अलावा पैकेज्ड फूड आइटम पर 5% टैक्स तय किया गया है।

जीएसटी की अगली मीटिंग 11 जून को
काउंसिल ने शनिवार को ट्रांजिशन प्रोविजंस और रिटर्न सहित बाकी नियमों को मंजूरी दे दी है। जेटली ने बताया कि सभी राज्य 1 जुलाई से जीएसटी लागू करने को राजी हो गए हैं। उन्होंने कहा कि जीएसटी काउंसिल की अगली मीटिंग 11 जून को होगी।

क्या है जीएसटी?
GST का मतलब गुड्स एंड सर्विसेज टैक्‍स है। इसको केंद्र और राज्‍यों के 17 से ज्‍यादा इनडायरेक्‍ट टैक्‍स के बदले में लागू किया जाएगा। ये ऐसा टैक्‍स है, जो देशभर में किसी भी गुड्स या सर्विसेज की मैन्‍युफैक्‍चरिंग, बिक्री और इस्‍तेमाल पर लागू होगा। इससे एक्‍साइज ड्यूटी, सेंट्रल सेल्स टैक्स (सीएसटी), स्टेट के सेल्स टैक्स यानी वैट, एंट्री टैक्स, लॉटरी टैक्स, स्टैंप ड्यूटी, टेलिकॉम लाइसेंस फीस, टर्नओवर टैक्स, बिजली के इस्तेमाल या बिक्री और गुड्स के ट्रांसपोर्टेशन पर लगने वाले टैक्स खत्म हो जाएंगे। सरल शब्‍दों में कहें ताे जीएसटी पूरे देश के लिए इनडायरेक्‍ट टैक्‍स है, जो भारत को एक समान बाजार बनाएगा। जीएसटी लागू होने पर सभी राज्यों में लगभग सभी गुड्स एक ही कीमत पर मिलेंगे। अभी एक ही चीज के लिए दो राज्यों में अलग-अलग कीमत चुकानी पड़ती है। इसकी वजह अलग-अलग राज्यों में लगने वाले टैक्स हैं। इसके लागू होने के बाद देश बहुत हद तक सिंगल मार्केट बन जाएगा।

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