माध्यमिक शाला की अतिशेष शिक्षकों की सूची से हड़कम्प

मंडला। शासकीय माध्यमिक विद्यालयों में कार्यरत शिक्षक अध्यापकों की अतिशेष की सूची जारी होने से अध्यापक और षिक्षक जगत में हडकम्प के साथ साथ खासी नाराजगी का माहौल है। राज्य अध्यापक संघ के जिला शाखा अध्यक्ष डी.के.सिंगौर ने बताया कि माध्यमिक शालाओं के षिक्षकों की अतिषेष की सूची शाला में दर्ज संख्या और विषयमान शिक्षकों के आधार पर जारी की गई है। मा.शाला में 100 विद्यार्थी तक न्यूनत्तम 3 शिक्षक रहेगें। 101से 105 विद्यार्थी तक तीन शिक्षक के साथ एक प्रधानपाठक रहेगा। न्यूनत्तम 3 शिक्षक में प्रथम शिक्षक गणित द्वितीय अंग्रेजी एवं तृतीय सामाजिक विज्ञान का होगा। दर्ज संख्या 105 से 140 होने पर चतुर्थ शिक्षक संस्कृत का होगा दर्ज संख्या 141 से 175होने पर पांचवा शिक्षक जीवविज्ञान का होगा इसी प्रकार दर्ज संख्या 176 से 210 होने पर छठवां शिक्षक हिन्दी का होगा इसके बाद प्रत्येक 35 विद्यार्थी पर एक एक षिक्षक होगा। वर्तमान में दर्ज संख्या के मान से शिक्षक रहेगें विषय के कारण जो अतिशेष हो रहे हैं वे विषय शिक्षक की पद पूर्ति होने के बाद ही उस संस्था से हटेंगें।

पदस्थापना की तारीख में गड़बड़ी
विद्यालयों में अतिशेष शिक्षकों की गणना का मुख्य आधार कार्यरत शाला में पदस्थापना की तारीख से है जारी सूची में अधिकांश शिक्षक और अध्यापकों की पदस्थापना की तारीख ही गलत अंकित है जिससे जारी सूची की विश्वस्नीयता पर प्रश्न खडे़ हो रहे हैं।

विषय की जानकारी गलत
जारी माध्यमिक शालाओं की अतिशेष की सूची में इस बात को लेकर ज्यादा नाराजगी देखी जा रही है कि अध्यापक और शिक्षकों के विषयों का उल्लेख ही गलत है विषय का उल्लेख गलत होने से या तो वे खुद अतिशेष की सूची में आ गये हैं या फिर इस कारण से दूसरे का नाम अतिषेष में आ गया है।

निःशक्त भी अतिशेष
अतिशेष की गणना में निःशक्तता का कोई ख्यााल नहीं रखा गया है एक सामान्य अध्यापक के रहते निःशक्त अध्यापक को अतिशेष किया गया है यह नियम विरूद्ध है और अधिकांश निःशक्त अध्यापकों के मामले में ऐसा किया गया है।

भृत्य भी अतिशेष की गणना में शामिल
मा.शा. की अतिशेष सूची में जो सबसे बड़ी खामी सामने उभर कर आई है वह यह है कि शाला में पदस्थ भृत्य को भी शिक्षक मानकर अतिशेष की गणना में ले लिया गया है। जिससे कई शिक्षक अध्यापक बेवजह अतिशेष की गणना में आ गये हैं साथ ही भृत्य संवर्ग को भी अतिशेष घोषित किया गया है। जिसके चलते यह सूची पूर्णतः अवैध कही जा सकती है।

पदस्थापना में भी गड़बड़ी
शिक्षक और अध्यापक कार्यरत किसी और शाला में हैं और पदस्थापना किसी और शाला में जिससे जहां अतिशेष नहीं होना था वहां अतिशेष और जहां अति होना था वहां अतिशेष नहीं। पदनाम गलत होने से भी अतिषेष की गणना में गड़बड़ी है 101 से कम दर्ज होने पर प्रधानपाठक अतिषेष में माना जायेगा लेकिन पोर्टल में पदनाम षिक्षक होने से ऐसें कई प्रधानपाठक अतिशेष होने से बच गये हैं। यहां अहम प्रश्न ये है कि अब इनकी दावा आपत्ति कौन लगायेगा।

दावा आपत्ति का समय कम
अतिशेष की श्रेणी में आये अध्यापक और शिक्षकों के लिये दावा आपत्ति का प्रावधान तो किया गया है लेकिन इसमें समय इतना कम रखा गया है कि अध्यापकों को पता ही नहीं चल सका कि उनका नाम अतिशेष में है और तारीख समाप्त हो गई। प्राथमिक शालाओं केे अतिशेष की सूची में यही हुआ अनेक अध्यापक दावा आपत्ति से वंचित रह गये और अब अतिशेष में न होते हुये भी उन्हैं शाला से हटाया जायेगा। माध्यमिक शाला की अतिशेष सूची जारी होने के बाद दावा आपत्ति के लिये मात्र 3 दिन का समय दिया गया है। संकुल प्राचार्यो को संकुल में अतिशेष की सूची चस्पा करने के भी निर्देष नहीं हैं। 

विभाग जानकारी दुरूस्त करे
यहां भी यक्ष प्रश्न यह है कि पोर्टल में किसी अन्य शिक्षक अध्यापक की गलत जानकारी फीड होने से जो शिक्षक अध्यापक प्रभावित हो रहा है। वह ही क्यों आपत्ति लगाये क्या यह विभाग की जिम्मेदारी नहीं है कि जानकारी को दुरूस्त करके किसी निर्दोष शिक्षक को प्रभावित होने से बचाया जाये। इससे यह भी साफ हो रहा है कि जहां कहीं वास्तव में अतिशेष है लेकिन पोर्टल नहीं बता रहा है मतलब वहां अतिशेष शिक्षक बना रहेगा क्योंकि वहां की आपत्ति नहीं लगेगी।

मोबाइल से सूचना नहीं
शिक्षा विभाग के कर्मचारियों को विभागीय जानकारी एवं सूचना एसएमएस के माध्यम से देने के लिये पोर्टल पर मोबाइल नम्बर अनिवार्य किया गया है लेकिन ताज्जुब हे कि अतिशेष की सूचना अध्यापाकों के मोबाइल पर नहीं दी जा रही है।

पहले ज्वाइन फिर अपील
राज्य अध्यापक संघ ने इस निणर्य को अवैधानिक बताया है कि अतिशेष से प्रभावित शिक्षक पहले नवीन संस्था में कार्यभार ग्रहण करे इसके बाद अपील करे।

राज्य अध्यापक संघ देगा ज्ञापन
राज्य अध्यापक संघ की जिला इकाई अतिशेष प्रक्रिया के विरोध में मंगलवार को शाम 4 बजे जिला प्रशासन को ज्ञापन सौंपेगां और तमाम विसंगतियो से अवगत कराते हुये मांग करेगा कि सर्व प्रथम गलत तरीके से पदस्थापना में आये शिक्षक अध्यापक को अतिशेष माना जाये । ज्ञापन उपरांत  आवष्यक बैठक भी आयोजित की जायेगी।

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