सूने पड़े हैं B.ed कॉलेज, 25 हजार सीटें खाली

भोपाल। मध्यप्रदेश में शिवराज सरकार ने 4 साल से भर्तियां नहीं कीं। नतीजा 715 कॉलेजों में 25 हजार सीटें खाली रह गईं। लोग एडमिशन लेने ही नहीं आ रहे। मप्र में कुल करीब 65000 सीटे हैं। बीएड में प्रवेश लेने करीब 40 हजार विद्यार्थियों ने व्यावसायिक परीक्षा मंडल (व्यापमं) में प्रवेश परीक्षा फार्म जमा कर सत्यापन कराया है। कॉलेज लेवल काउंसलिंग (सीएलसी) नहीं होने की दशा में तय हो गया है कि परीक्षा देने वाले सभी विद्यार्थी प्रवेश ले लेते हैं तो भी उच्च शिक्षा विभाग शेष 25 हजार सीटों पर प्रवेश नहीं करा सकेगा। सीटें ज्यादा और विद्यार्थी कम होने से विभाग की व्यवस्था पर चोट हो रही है। विद्यार्थियों पर परीक्षा का अतिरिक्त भार डालने के साथ उन पर आर्थिक बोझ भी डाला जा रहा है। बीपीएड, एमएड और एमपीएड की प्रदेश में करीब 10 हजार सीटें हैं, जिसमें करीब 3 हजार विद्यार्थियों ने आवेदन किए थे। इसमें से करीब तीन सौ विद्यार्थी सत्यापन से वंचित रह गए हैं। उक्त तीन कोर्स की 7 हजार सीटों रिक्त रहेंगी। 

नहीं बढ़ी सत्यापन तिथि 10 हजार विद्यार्थी बाहर 
विभाग ने सत्यापन की तिथि में कोई बढ़ोतरी नहीं की है। इससे सात कोर्स की सीटों पर करीब दस हजार विद्यार्थी सीधे प्रवेश प्रक्रिया से बाहर हो गए हैं। बीएड, बीपीएड, एमएड और एमपीएड के लिए व्यापमं को 56 हजार आवेदन मिले थे। इसमें करीब साढ़े नौ हजार विद्यार्थी सत्यापन नहीं कर सकें। इससे करीब साढ़े 46 हजार विद्यार्थी सत्यापित हुए। इसी तरह बीएबीएड, बीएससीबीएड और बीईएलएड में करीब चार आवेदन आए थे, जिसमें से 300 सत्यापित नहीं हुए। 

उभर रहे इंटीगे्रटिड कोर्स  
बीएबीएड, बीएससीबीएड और बीईएलएड कोर्स में प्रवेश लेने के लिए विद्यार्थी उभर कर आ रहे हैं। उक्त कोर्स में प्रवेश लेने के लिए करीब चार हजार स्टूडेंट्स ने आवेदन किया था। इसमें करीब 300 विद्यार्थी सत्यापन नहीं कर सके। उक्त सात कोर्स में प्रवेश लेने के लिए व्यापमं ने 27 और 28 मई को परीक्षा लेने की व्यवस्था की है। विभाग ने सत्यापित सभी विद्यार्थियों का डाटा व्यापमं भेज दिया है। जहां उनके प्रवेश पत्र तैयार किए जा रहे हैं। 

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