सैनिक विद्रोह शुरू, जेल पर हमला, 836 कैदी छुड़ाए, दिल्ली कूच | आज का इतिहास ,10 मई | TODAY IN HISTORY

Bhopal Samachar
राजू जांगिड़/विशेष | ग्रेगोरी कैलंडर के अनुसार 10 मई वर्ष का 130 वाँ (लीप वर्ष में यह 131 वाँ) दिन है। साल में अभी और 235 दिन शेष हैं। 10 मई, 1857 का दिन भारतीय इतिहास में एक अलग स्थान रखता है। 1857 में भारत का प्रथम स्वतंत्रता संग्राम इसी दिन आरंभ हुआ था। 1857 वह वर्ष है, जब भारतीय वीरों ने अपने शौर्य की कलम को रक्त में डुबो कर काल की शिला पर अंकित किया था और ब्रिटिश साम्राज्य को कड़ी चुनौती देकर उसकी जडे़ं हिला दी थीं। 

1857 की क्रान्ति की शूरूआत '10 मई 1857' की संध्या को मेरठ में कोतवाल धनसिंह गुर्जर ने की थी। ऐसी सक्रिय क्रान्तिकारी भूमिका अमर शहीद धन सिंह कोतवाल ने 10 मई 1857 के दिन मेरठ में निभाई थी। 10 मई 1857 को मेरठ में विद्रोही सैनिकों और पुलिस फोर्स ने अंग्रेजों के विरूद्ध साझा मोर्चा गठित कर क्रान्तिकारी घटनाओं को अंजाम दिया। सैनिकों के विद्रोह की खबर फैलते ही मेरठ की शहरी जनता और आस-पास के गांव विशेषकर पांचली, घाट, नंगला, गगोल इत्यादि के हजारों ग्रामीण मेरठ की सदर कोतवाली क्षेत्र में जमा हो गए। इसी कोतवाली में धन सिंह कोतवाल (प्रभारी) के पद पर कार्यरत थे। 

मेरठ की पुलिस बागी हो चुकी थी। धन सिंह कोतवाल क्रान्तिकारी भीड़ (सैनिक, मेरठ के शहरी, पुलिस और किसान) में एक प्राकृतिक नेता के रूप में उभरे। उनका आकर्षक व्यक्तित्व, उनका स्थानीय होना, (वह मेरठ के निकट स्थित गांव पांचली के रहने वाले थे), पुलिस में उच्च पद पर होना और स्थानीय क्रान्तिकारियों का उनको विश्वास प्राप्त होना कुछ ऐसे कारक थे जिन्होंने धन सिंह को 10 मई 1857 के दिन मेरठ की क्रान्तिकारी जनता के नेता के रूप में उभरने में मदद की। 

उन्होंने क्रान्तिकारी भीड़ का नेतृत्व किया और रात दो बजे मेरठ जेल पर हमला कर दिया। जेल तोड़कर 836 कैदियों को छुड़ा लिया और जेल में आग लगा दी। जेल से छुड़ाए कैदी भी क्रान्ति में शामिल हो गए। उससे पहले पुलिस फोर्स के नेतृत्व में क्रान्तिकारी भीड़ ने पूरे सदर बाजार और कैंट क्षेत्र में क्रान्तिकारी घटनाओं को अंजाम दिया। रात में ही विद्रोही सैनिक दिल्ली कूच कर गए और विद्रोह मेरठ के देहात में फैल गया। 

1857 का वर्ष वैसे भी उथल-पुथल वाला रहा है। इसी वर्ष कैलिफोर्निया के तेजोन नामक स्थान पर 7.9 स्केल का भूकम्प आया था तो टोकियो में आये भूकम्प में लगभग एक लाख लोग और इटली के नेपल्स में आये 6.9 स्केल के भूकम्प में लगभग 11,000 लोग मारे गये थे। 

1857 की क्रान्ति इसलिये और भी महत्वपूर्ण हो जाती है कि ठीक सौ साल पहले सन् 1757 में प्लासी के युद्ध में विजय प्राप्त कर राबर्ट क्लाइव ने अंग्रेजी राज की भारत में नींव डाली थी।

1994 में दक्षिण अफ़्रीका में नेल्सन मंडेला द्वारा प्रिटोरिया में एक ऐतिहासिक समारोह में राष्ट्रपति पद की शपथ ग्रहण की गयी।

1999 में पेनिसिलन के विकास में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले सर एडवर्ड इब्राहम की मृत्यु।

2001 में घाना में एक फ़ुटबाल मैच के दौरान हिंसा हुई थी जिसमें तकरीबन 127 लोग मारे गए थे ,मैच सही चल रहा था लेकिन अचानक जोश जोश में लोगों ने बोतलें मैदान में फैंकनी शुरू करदी जिससे मैच प्रभावित होता देखकर पुलिस ने आंसू गैस छोड़नी शुरू और लोग इधर उधर होने लगे जिससे भगदड़ मच गई और बेवजह 127 लोग मारे गए। किसी खेल में यह सबसे दुखद घटना रही है।

2005 में लाहौर से अमृतसर के बीच बस सेवा शुरू करने पर भारत और पाकिस्तान सहमति जताई ।

आज के दिन जन्म लेने वाले लोग
1961 , बृजलाल खाबरी ,भारतीय राजनीतिज्ञ ।
1929 ,सुभाष कश्यप ,भारतीय संविधान के विशेषज्ञ एवं 'पद्म भूषण' से भी सम्मानित।

1905 , पंकज मलिक ,बांग्ला और हिन्दी फ़िल्मों के प्रसिद्ध गायक, संगीतकार और अभिनेता।

आज के दिन जिनका निधन हुआ
1936 , मुख़्तार अहमद अंसारी जो एक प्रसिद्ध चिकित्सक, प्रसिद्ध राष्ट्रवादी मुस्लिम नेता थे।
1922 में छत्रपति साहू महाराज जो महाराष्ट्र के प्रसिद्ध समाज सुधारक और दलितों के हितेषी थे का निधन हुआ था।
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