दुर्दांत नक्सलवादी को 25 लाख दिए, शहीद जवान को 5 लाख भी किश्तों में

नई दिल्ली। झारखंड सरकार का नक्सलवादी प्रेम अब सवालों की जद में आ गया है। 'ऑपरेशन नई दिशा' के तहत सरकार खूंखार हत्यारे नक्सलियों को सरेंडर करा रही है। इसके बदले में सरकार उन्हे मालामाल भी कर रही है। सरकार की तरफ से उन्हें जमीन, घर, नौकरी, शिक्षा और पुनर्वास के लिए बड़ी रकम दी जा रही है। जबकि यही सरकार शहीद जवानों के परिवारों को छोटी मोटी सहायता देने से भी कतराती है। सवाल यह उठ रहा है कि नक्सलियों से इतना प्रेम और शहीद जवानों के प्रति ऐसी बेरुखी क्यों। 'ऑपरेशन नई दिशा' के तहत अब तक 125 खूंखार नक्सलियों को सरेंडर करवाकर उनका घर बसाया जा चुका है। जबकि देश की सेवा करते हुए शहीद हो गए जवानों के बच्चों की स्कूल फीस तक माफ नहीं करवाई गई। 

झारखंड सरकार का ऑपरेशन नई दिशा 18 फरवरी 2008 को शुरू हुआ था। दो साल तक एक भी नक्सली ने इस स्कीम के तहत सरेंडर नहीं किया। 2010 से अब तक करीब 150 नक्सली सरेंडर कर चुके हैं। इनमें से 125 नक्सलियों ने नई दिशा के तहत सरेंडर किया। पिछले 7 साल में सरेंडर पॉलिसी पर राज्य सरकार ने 3.30 करोड़ रु. से ज्यादा खर्च किया है।

शहीद के बच्चों के स्कूल की फीस भी नहीं माफ हुई
झारखंड के इटकी का सेमरा गांव। शहीद प्रभु सहाय तिर्की के छोटे भाई जोन तिर्की बताते हैं कि राज्य सरकार ने दो किस्तों में 5 लाख दिए। ऐसा लगा कि भीख दे रहे हैं। पहले दो लाख रुपए फिर गांव वालों के विरोध के बाद 3 लाख रुपए और। भाभी सुचिता को दो बेटे हैं। इतने पैसे से उनका कितना फ्यूचर बनेगा। केंद्र सरकार ने नौकरी का ऑफर दिया है। भाभी उसके लिए सोच रही हैं, लेकिन राज्य सरकार की तरफ से कुछ और नहीं मिला। बच्चों की फीस भी नहीं माफ हुुई। निराशा होती है जब राज्य सरकार नक्सलियों को 15-15 लाख रुपए बांटती है। 6 अप्रैल 2017 को जब एवलान्च में प्रभु कई फीट नीचे तक बर्फ के साथ सरकते रहे। इसी दौरान उन्होंने वायरलेस से कमांड सेंटर पर एवलान्च की जानकारी दी। फिर 18 फीट अंदर दब गए। उनकी जानकारी से 2 जवानों की जान बचाई गई।

दुर्दांत हत्यारा कान्हू मुंडा को दिए 25 लाख नगद
सरेंडर : 16 फरवरी 2017
सिर पर इनाम : 25 लाख
सरकार ने दिए : 25 लाख
कितने मामले दर्ज : 47

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