मोदी की परीक्षा में मप्र के 17 में से 13 IAS फेल, जुलानिया समेत 4 पास

भोपाल। केंद्र सरकार में सचिव बनने के लिए मप्र कैडर से कुल 17 आईएएस अफसर कतार में थे परंतु मोदी सरकार ने एक ऐसी परीक्षा का आयोजन किया कि 17 में से 13 आईएएस अफसर फेल हो गए जबकि वरिष्ठ आईएएस राधेश्याम जुलानिया समेत मात्र 4 आईएएस अफसर पास हो पाए। बता दें कि राधेश्याम जुलानिया इन दिनों मप्र में ऐसे आईएएस अफसर हैं जिनके खिलाफ सबसे ज्यादा हड़तालें और विरोध प्रदर्शन हो चुके हैं। 

केंद्र सरकार में सचिव बनने के लिए आईएएस अफसरों की केवल एसीआर (एन्युअल कॉन्फिडेंशियल रिपोर्ट) को ही आधार माना जाता था लेकिन अब मोदी ने एक नया फार्मूला सेट कर दिया है। केंद्र सरकार ने पिछले कई वर्षों से चली आ रही प्रक्रिया में बदलाव कर दिया है। इसके तहत सचिव पद के लिए मप्र कैडर के 1984 और 1985 बैच के सिर्फ चार अफसरों का इम्पैनल हो पाया है। जबकि इन दोनों बैच के 17 अफसर दौड़ में शामिल थे। 

1984 बैच के आलोक श्रीवास्तव के अलावा 1985 बैच के दीपक खांडेकर, इकबाल सिंह बैंस व आरएस जुलानिया नए मापदंडों में खरे उतरे हैं। खासबात यह है कि चयन से पहले इन अफसरों का 360 डिग्री प्रोफाइल तैयार करवाया। यानी इनके बारे में रिटायर हो चुके आईएएस अफसरों के अलावा उन अफसरों से फीडबैक लिया गया, जो पिछले तीस साल में इनके अधीन काम कर चुके हैं।

30 साल की सर्विस का ट्रैक रिकार्ड खंगाला
कार्मिक मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार मोदी सरकार ने मंत्रालयों में सचिव अथवा उनके समकक्ष पद के लिए अफसरों की एसीआर के अलावा उनकी 30 साल की सर्विस का ट्रैक रिकार्ड खंगाला है। इसके लिए रिटायर हो चुके सीनियर मोस्ट अफसरों से लेकर उनके साथ जिन जूनियर अफसरों ने काम किया है, उनकी सहायता ली है। इतना ही नहीं, सरकार ने इन अफसरों के बारे में इंटेलीजेंस से भी गोपनीय रिपोर्ट प्राप्त की है। सरकार की मंशा मंत्रालयों की कमान ऐसे अफसरों को देने की है, जिनकी कार्यशैली प्रभावशाली रही हो। यही वजह है कि मप्र के कई अफसर इस पद की दौड़ से बाहर हो गए हैं।

बीपी सिंह भी नहीं बन पाएंगे सचिव
वरिष्ठता सूची के आधार पर मुख्य सचिव बसंत प्रताप सिंह और केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर कार्यरत विजया श्रीवास्तव को भी सचिव के समकक्ष श्रेणी में रखा गया था। यानी, बीपी सिंह केंद्र में जाते हैं तो वे सचिव नहीं बन पाएंगे। बल्कि केंद्रीय पीएसयू या अन्य किसी संस्थान में ही उनकी सेवाएं ली जाएंगी।

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