हर तरह के खर्राटे दूर करने के अचूक उपाय | SNORING

नींद में खर्राटे भरने वालों की कोई कमी नहीं है। जब वे खर्राटे भरकर सो रहे होते हैं तब वे तो मजे से नींद ले रहे होते हैं लेकिन उनके आसपास वालों पर क्‍या गुजरती है वे शायद नहीं जानते। आमतौर पर खर्राटों की आवाज इतनी तेज होती है कि दूसरा व्‍यक्ति सो ही नहीं पाता या नींद से जाग जाता है। कुछ लोग खर्राटों में ऐसी डरावनी आवाज़ें निकालते हैं कि अन्‍य लोग सहज नहीं हो पाते।

वैसे खर्राटों के बारे में आम राय तो यही है कि जब हमारी नाक में से हवा ठीक से नहीं घुस पाती तो भीतर के स्‍नायु कंपन करने लगते हैं और यही आवाज खर्राटे बन जाती है। जो लोग खर्राटे लेते हैं उनके गले और नाक के टिश्‍यू अक्‍सर आकार में बड़े होते हैं। यदि सोते समय आपकी जीभ श्‍वसन प्रक्रिया को बाधित कर रही है तो इससे भी खर्राटे होते हैं। आइये जानते हैं कैसे-कैसे खर्राटे होते हैं।

बंद मुंह के खर्राटे
यदि आप मुंह बंद करके खर्राटे ले रहे हैं तो ये तब होता है तब सोते समय आपकी जीभ की स्थिति में कुछ गड़बड़ हो।

खुले मुंह के खर्राटे
ऐसा उस स्थिति में होता है जब आपके गले की पेशियों में कुछ समस्‍या हो।

पीठ के बल सोने पर
अधिकांश लोग पीठ के बल सोते हैं। ऐसे में भी खर्राटे की हरकत होती है। इससे सोने की आदतों में सुधार करके निबटा जा सकता है।

हर हाल में खर्राटे
कुछ लोग ऐसे होते हैं जो कैसे भी सोएं, वे हर हाल में खर्राटे लेते हैं। यदि आपके साथ भी ऐसा है तो आप इसका इलाज करवाइये।

ऐसे करें सुधार
आपको अपने सोने की पोजीशन बदलना होगी। सोते समय आपके सिर को चार इंच ऊपर उठाकर रखने से सांस लेने में मदद मिलेगी। इससे आपकी जीभ और जबड़े को आगे आने में सहायता होगी। आपको पीठ के बल नहीं सोना चाहिए।

गरारे करें
यदि आपकी नाक के टिश्‍यू में कुछ समस्‍या है तो सोने से पहले खारे पानी से गरारे करके सोएं। दूसरा रास्‍ता नाक को साफ रखने का है। इससे आपको सम्‍यक श्‍वास लेने में मदद मिलेगी।

यह भी करें
अपने कमरे की हवा को थोड़ा नम रखें। उमस को घटाने वाले उपकरणों का इस्‍तेमाल भी ऐसे में बहुत फायदेमंद साबित होगा।

यह होता है खर्राटा
जब सोते हुए व्यक्ति के नाक से अपेक्षाकृत तेज आवाज निकलती है तो इसे खर्राटे लेना (snoring) कहते हैं। इसे 'ओब्स्ट्रक्टिव स्लीप अप्निया' कहा जाता है, अर्थात नींद में आपकी साँस में अवरोध उत्पन्न होता है।

इसलिए ज़रूरी है निदान
खर्राटे भी कई प्रकार के होते हैं। कुछ लोगों की तो श्वांश नींद में पूरी तरह से अवरुध हो जाती है। यह एक गंभीर अवस्था है और लंबे समय में यह आपके हृदय और मस्तिस्क पर बुरा प्रभाव डालती है। इस अवस्था में नींद पूरी नहीं होती और व्यक्ति को दिन में भी थकान लगती रहती है इसके कारणों की जाँच करने के लिए स्लीप लैब जाना पड़ता है जोकि सभी बड़े शहरों में उपलब्ध हैं।

इसमें आपको एक यंत्र से जोड़ दिया जाता है जो नींद में आपकी गतिविधियों को संकलित करता है। इसका विश्लेषण करके आपको उचित उपचार बताया जाता है जो कि वजन कम करने, नींद के दौरान एक मशीन का उपयोग करने से, ऑपरेशन तक हो सकता है।

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