मोदी की RENT TO OWN SCHEME, सारे किराएदार मकान मालिक हो जाएंगे

नई दिल्ली। किराये के घर को लेकर मोदी सरकार एक ऐसे कानून पर विचार कर रही है जिसके तहत शहरों में आने वाले प्रवासी लोगों को सरकारी संस्थाओं से मकान किराये पर लेने की सुविधा होगी। उनका यह किराया अपने आप मकान की लोन किस्त के रूप में जमा होता जाएगा और जब किराएदार मकान की कीमत के बराबर किराया चुकता करेगा तो उसके मकान ​की रजिस्ट्री ही किराएदार के नाम कर दी जाएगी। 

मिनिस्ट्री ऑफ हाउसिंग एंड अर्बन पोवर्टी एविएशन के मुताबिक, इस स्कीम का नाम 'रेंट टु ओन' होगा, जिसे केंद्र सरकार की नेशनल अर्बन रेंटल हाउसिंग पॉलिसी के तहत लॉन्च किया जाएगा। केंद्रीय शहरी विकास एवं आवास मंत्री वेंकैया नायडू ने गुरुवार को कहा कि इस विधेयक को मंजूरी के लिए जल्दी ही कैबिनेट के समक्ष पेश किया जाएगा।

इस तरह से पा सकेंगे 'रेंट टु ओन' स्कीम का लाभ
इस स्कीम के तहत शुरुआत में कुछ निश्चित वर्षों के लिए घर लीज पर दिया जाएगा। खरीददार को प्रति माह ईएमआई के बराबर किराया बैंक में जमा करना होगा. इसमें कुछ किराये के तौर पर होगा और बाकी जमा होगा। खरीददार की ओर से जमा की गई ईएमआई की राशि जब 10 फीसदी के स्तर पर पहुंच जाएगी तब मकान उसके नाम पर रजिस्ट्रर हो जाएगा। यदि लीज पर लेने वाला व्यक्ति रकम जमा नहीं कर पाता है तो सरकार इस मकान को दोबारा बेच देगी। इसके अलावा किराये के साथ जमा की जाने वाली राशि किरायेदार को बिना ब्याज के वापस लौटा दी जाएगी।

मकान खरीदने पर डेढ़ लाख की सब्सिडी
इसके अलावा सरकार निजी जमीन पर बने मकानों को खरीदने पर भी गरीब तबके के लोगों को डेढ़ लाख रुपये की सब्सिडी देने पर विचार कर रही है। अब तक यह छूट राज्य सरकारों एवं निकायों की जमीन पर बने घरों पर ही दी जाती थी। वेंकैया नायडू ने कहा कि प्राइवेट डेवलपर्स की ओर से लॉन्च किए गए अफोर्डेबल हाउसिंग प्रॉजेक्ट्स के उद्घाटन के बाद से ही मंत्रालय इस पर विचार कर रहा था. उन्होंने कहा कि अब तक हम 2008 शहरों और कस्बों में 17.73 लाख शहरी गरीबों के लिए आवासों को मंजूरी दे चुके हैं।

सरकार का लक्ष्य, 2022 तक देंगे सबको घर
मंत्री ने कहा कि 2022 तक सबको घर के वादे को पूरा करने का लक्ष्य है। 2019 तक 15 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में इस लक्ष्य को हासिल कर लिया जाएगा। इसके बाद 2022 तक अन्य राज्यों में इस लक्ष्य को पूरा किया जाएगा। मंत्री ने कहा कि 'रेंट टु ओन' विधेयक की अधिसूचना जारी किए जाने के बाद राज्य इस पर काम कर सकेंगे। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि 2022 तक सभी को घर मुहैया कराने के सरकार के लक्ष्य के तहत यह बड़ी स्कीम होगी।

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