
पीड़िता का कहना है कि डॉक्टर ने उससे पीएमसीएच के हॉस्टल में ही कई बार शारीरिक संबंध बनाए। जब उसने शादी करने का दबाव बनाया तो वह मुकर गया। अब उसने शादी करने के लिए 50 लाख रुपये की मांग की और रुपये देने के बाद ही शादी के लिए अपने अभिभावकों से बात करने की बात कही है। पटना के पुलिस अधीक्षक (नगर) चंदन कुशवाहा ने शनिवार को बताया कि पीड़िता के बयान पर पीरबहोर थाना में शुक्रवार को यौन शोषण के आरोप में एक प्राथमिकी दर्ज कर ली गई है। आरोपी डॉक्टर की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी की जा रही है। उन्होंने बताया कि पुलिस पूरे मामले की जांच कर रही है।
बिहार में महिलाओं के साथ होती आपराधिक घटना का यह पहला मामला नहीं है। इससे पहले एक दलित युवती के साथ गैंगरेप की घटना सामने आई थी। इस घटना को दो महीने से ज्यादा हो गए हैं लेकिन मामले में अभी तक किसी को गिरफ्तार नहीं किया गया है जो कि राज्य की नीतीश कुमार सरकार के “सुशासन” के दावों की पोल खुलता है। लड़की के पिता पूर्व मंत्री हैं फिर भी पुलिस मामले में ढिलाई बरत रही है। सत्ता के गलियारों में ये कानाफूसी हो रही है कि मामले के दो आरोपी काफी हाई प्रोफाइल हैं इसलिए पुलिस जानबूझकर उन्हें नहीं गिरफ्तार कर रही है।