
इसके साथ ही हड़ताल के दौरान हादसा होने पर डॉयल 100 के वाहनों को घायल व्यक्तियों को अस्पताल पहुंचाने के लिए भी लगाया गया। इस बारे में चिकित्सा हेल्थ केयर के सीईओ मनीष संचेती का कहना है कि ठेके में कर्मचारियों को नियमित करने, समान कार्य, समान वेतन देने जैसी शर्तों का उल्लेख नहीं है, इसलिए हड़ताली कर्मचारियों की मांगें पूरी नहीं की जा सकती।
बनवाई गई थी डुप्लीकेट चाबी
संघ के मीडिया प्रभारी असलम खान का कहना है कि कंपनी के अफसर हड़ताल को लेकर घबराए हुए हैं। इसलिए पहले ही एंबुलेंस की डुप्लीकेट चाबियां बनवा ली गई थीं। अफसरों के अनुसार हड़ताल के समय गाड़ियों का जिम्मा अन्य ड्राइवरों को सौंपा गया है, ताकि मरीजों को ज्यादा परेशानी का सामना न करना पड़े।
पहले ही दे चुके थे हड़ताल पर जाने की चेतावनी
कर्मचारी लंबे समय से नियमित किए जाने एवं काम के घंटे 12 से घटाकर 8 किए जाने की मांग कर रहे हैं। पिछले दिनों आयोजित बैठक में संघ के पदाधिकारियों ने कहा था कि यदि सरकार ने उनकी मांगों पर विचार नहीं किया तो 26 अप्रैल से पूरे प्रदेश के कर्मचारी हड़ताल पर चले जाएंगे। गौरतलब है कि पिछले दिनों भी अंबेडकर पार्क में एकत्रित हुए कर्मचारियों ने सरकार को चेतावनी दी थी कि यदि उनकी मांगों को नहीं माना गया तो वह हड़ताल पर चले जाएंगे।