
क्या है मामला
खरसिया के कुनकुरी में बने रेलवे साइडिंग के लिए आदिवासियों की 300 एकड़ जमीन अधिग्रहित की गई थी। जयलाल ने इस मामले की शिकायत की थी। बाद में हाईकोर्ट में एक याचिका लगाई थी। जिससे खलबली मच गई थी। गुरूवार को संदिग्ध हालत में उनकी मौत हो गई। पुलिस ने आनन-फानन में बिना पोस्टमार्टम करवाए लाश का अंतिम संस्कार करवा दिया। राठिया की मौत के बाद कई सवाल उठ रहे हैं। हाईकोर्ट में मामला अब अंतिम चरण में था और जयलाल राठिया किसी भी दबाव में मामला वापस लेने को तैयार नहीं थे। प्रमुख सवाल यह है कि मौत क्यों और कैसे हुई? अगर तबियत खराब थी तो उन्हें अस्पताल क्यों नहीं ले जाया गया? अगर मौत संदिग्ध थी तो फिर पोस्टमार्टम क्यों नहीं करवाया गया? अगर यह मामला संदिग्ध नहीं था तो पुलिस बयान लेने क्यों पहुंची? परिजनों ने कहा कि वे अंतिम संस्कारों के बाद बयान देंगे लेकिन पुलिस नहीं मानी और दबाव डालकर तत्काल बयान लिया, ऐसा क्यों? पुलिस को मौत को सामान्य मौत घोषित करने की हड़बड़ी क्यों थी?
क्या हाईकोर्ट के मामले से इसका संबंध है?
श्री बघेल ने कहा जयलाल राठिया की मौत का मामला और अधिक संदिग्ध इसलिए हो जाता है क्योंकि वे कुनकुनी रेलवे साइडिंग के लिये ली गई जमीन के मामले को लेकर हाईकोर्ट जाने वाले व्यक्ति थे। राठिया ने ही हाईकोर्ट में आरोप लगाया था कि कुछ लोगो ने आदिवासियों की जमीन धोखाधड़ी करके हड़प ली। उसमें एक प्रमुख नाम गौतम राठिया का है जिसने आदिवासियों से बहुत सी जमीने खरीदी? गौतम राठिया राशनकार्ड धारी है और सरकारी रिकॉर्ड में गरीबी रेखा से नीचे जीवनयापन करने वाला व्यक्ति है तो उसने इतनी जमीने कैसे खरीद ली? इसी जमीन पर बाद में रेलवे साइडिंग बनी है। यह रेलवे साइडिंग वाणिज्य और उद्योग मंत्री अमर अग्रवाल के परिजनों की है। बताया जा रहा है कि अमर अग्रवाल के राजनीतिक रसूख की वजह से उनके परिजन जयलाल राठिया पर दबाव बनाए हुए थे कि वे हाईकोर्ट से मामला वापस ले लें और जमीन के मसले पर समझौता कर लें। मनीष बंसल नाम के एक दलाल का नाम भी परिजनों और गांव वालों ने लिया है, मनीष बंसल पर 420 के कई मामले दर्ज है और कुनकुनी रलेवे साइडिग को लेकर भी वे विवाद मे रहे है। परिजनो और गांव वालो का कहना है कि मनीष बंसल जयलाल राठिया को लगातार परेशान और प्रताडि़त कर रहे थे। पता चला है कि जिले के कुछ सरकारी अफसर भी जयलाल राठिया पर दबाव बनाए हुए थे कि वे समझौता कर ले।