अनूपपुर धान भण्डार में लगी आग: एक्सीडेंट या घोटाला

अनूपपुर। गुरूवार की सुबह जिला मुख्यालय से लगे बरबसपुर में नागरिक आपूर्ति निगम के धान भण्डार में आग लग गई। इस आगजनी में करोड़ों रुपए की धान जलकर राख हो गई। प्रथम दृष्टया तो यह एक हादसा ही प्रतीत होता है परंतु पिछले साल भी इसी समय ऐसी ही आग लगी थी। नान में धान का काला खेल किसी से छुपा नहीं है। अत: संदेह जरूरी है और निष्पक्ष जांच समय की मांग। आग लगने की खबर के बाद मौके पर कलेक्टर अजय शर्मा, पुलिस अधीक्षक सुनील जैन, एडीएम पी के तिवारी, एसडीओपी अमन सिंह राठौड, नगर निरीक्षक व्ही वी एस टांडिया, नगरपालिका के सीएमओ कमला कोल, डीएन मिश्रा के साथ अन्य अधिकारी, कर्मचारी पहुंचे और भारी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया गया। 

बुझाने के बाद फिर क्यों भड़की आग 
मामले से जुडे सुविज्ञ सूत्रों के अनुसार बरबसपुर में पहले सुबह 9 बजे खलिहान में आग लगी जिसे फायर ब्रिगेड ने मौके पर पहुंच कर बुझा दिया था। दोपहर में एक बार फिर आग लगी जो तेज हवा और गर्मी के कारण फैलती चली गई। आग लगने की सूचना मिलने पर आला अधिकारी मौके पर पहुंचे। वहां नान के अधिकारी भी उपस्थित थे। धान के गोदाम से सटे नर्सरी में लगी आग तेजी से बढऩे लगी। नगर पालिका अनूपपुर और एमपीईबी के फायर ब्रिगेड मौके पर पहुंची और घंटो मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया जा सका। नगर निरीक्षक श्री टांडिया ने अदम्य साहस का परिचय देते हुए धान के बोरों की छल्ली पर चढकर आग को बढने से रोका और बुझाने की कोशिश की। 

50 हजार बोरा धान जलने की आशंका
आग लगने से गांव में अफरा-तफरी मच गई। जब तक आग पर काबू पाया जाता बडा नुकसान हो चुका था। धान के इस गोदाम में 35 छल्लियां बोरों की लगाई गई थी। एक छल्ली में 5 हजार बोरे धान के रखे जाते हैं। इनमें से 12 छल्लियों के धान से भरे बोरे पूरी तरह जल कर राख हो गये। आग बुझाने के लिए पानी का छिडकाव किया गया, जिससे और भी धान के खराब होने की आशंका है। अनुमान लगाया गया है कि लगभग 4 करोड रूपये का धान नष्ट हो गया है। यद्यपि इस मामले में किसी भी अधिकारी ने कुछ भी कहना मुनासिब नहीं समझा है। 

विवादों में रहा है नान
इस मामले से जुडा एक तथ्य यह भी है कि सहकारी समिति छिल्पा एवं अमलई से विगत माह चार ट्रक धान गायब होने की खबर मीडिया द्वारा प्रकाशित किये जाने के उपरांत कलेक्टर अजय शर्मा ने नान के अधिकारियों को पांच लोगों के विरूद्ध 10 मार्च को प्रकरण दर्ज कराने का आदेश दिया था। लेकिन आश्चर्यजनक रूप से अधिकारियों ने गुरूवार 30 मार्च की सुबह ही कोतवाली में मामला दर्ज कराने की कोशिश की। 

नुकसान का हो रहा आंकलन
कलेक्टर अजय शर्मा ने कहा कि आगजनी से बडा नुकसान हुआ है। अधिकारी अभी वास्तविक नुकसान का आंकलन कर रहे हैं। हमने अधिकारियों से शेष धान का उठाव शीघ्र कराने का निर्देश दिया है।

मामले की होगी जांच 
पुलिस अधीक्षक सुनील जैन ने कहा कि यह आश्चर्यजनक है कि पिछले वर्ष भी यहां आग लगी थी। इसके बावजूद विभाग के अधिकारियों ने आग से बचाव के कोई प्रबंध नहीं किये थे। समूचे मामले में प्रथम दृष्टया घोर लापरवाही है। कई तरह के आरोप भी हैं। मैने नगर निरीक्षक व्ही वी एस टांडिया को मामले की संपूर्ण जांच करने का निर्देश दिया है। 
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