
शिवपुरी जिले की बदरवास तहसील के रन्नौद में आने वाले गणपति जी का मंदिर औकाफ की संपत्ति है और ऐसे मंदिरों की पूजा-अर्चना करने वाले पुजारियों को शासन हर माह एक न्यूनतम राशि भत्ता स्वरूप देता है। यह राशि किसी भी पीला कार्ड धारी सरकारी गरीब को मिलने वाली मदद से भी बहुत कम होती है। मंदिर के पुजारी आंनद मिश्रा बताते हैं कि उन्हे मिलने वाला भत्ता, उन्हे ना दिया जाकर किसी और के नाम से चढ़ा लिया गया है। यह लगातार 8 साल से हो रहा है। करीब 50 हजार रुपए हड़प लिए गए हैं। पुजारी आनंद प्रकाश ने कलेक्टर से मामले की जांच कराने का आग्रह किया है।
पुजारी आनंद प्रसाद ने अपने स्तर पर की गई तहकीकात में पाया कि वर्ष 2008 से 2016 के बीच किसी कोमल प्रसाद शर्मा नाम के व्यक्ति के खाते में पुजारी को मिलने वाली राशि का भुगतान औकाफ कोलारस शाखा से किया गया। जबकि इस नाम का कोई पुजारी इस मंदिर पर कार्यरत ही नहीं है। जब आनंद प्रसाद मिश्रा ने इसकी शिकायत राजस्व विभाग के अधिकारियों को की तो आनन-फानन में अप्रैल 2016 से सितंबर 2016 तक का उनको 6 माह का भुगतान 6000 रुपए कर दिया गया।
लेकिन पुजारी आनंद प्रसाद का कहना है कि मामले की पूरी जांच होनी चाहिए। जो कर्मचारी/अधिकारी दोषी हैं, उनके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए। बता दें कि ज्यादातर पुजारी सरकार से मिलने वाली भत्ते की रकम कई सालों में एक साथ निकालते हैं ताकि वो थोड़ी बड़ी राशि हो जाए और कुछ काम आ सके।