मनोज तिवारी/भोपाल। अध्यापकों के वेतन निर्धारण के लिए सरकार फिर एक नया आदेश जारी कर रही है। नए वेतन गणना पत्रक में नियमित कर्मचारियों के समान 1.86 फॉर्मूले से अध्यापकों के वेतन की गणना की जाएगी। अध्यापक संगठनों का दावा है कि इससे उनका वेतन 5000 रुपए तक कम हो जाएगा। सरकार नया गणना पत्रक इसी माह जारी करेगी। प्रदेश में 2.84 लाख अध्यापक हैं,जो इससे प्रभावित होंगे।
तीसरी बार संशोधन
वेतन गणना पत्रक में अब तीसरी बार सरकार संशोधन कर रही है। अध्यापक फिर भी संतुष्ट नहीं हैं। उनका आरोप है कि 1.86 फॉर्मूला उन पर लागू नहीं होता। यह उन कर्मचारियों के लिए है, जिन्हें पांचवां वेतनमान मिला है, अध्यापकों को यह वेतनमान नहीं मिला था।
2001 से ही चल रही विसंगति
वर्ष 1998 में नियुक्त शिक्षाकर्मी वर्ग-एक व दो को वर्ष 2007 में दो वेतनवृद्धि और वर्ग-तीन को तीन वेतनवृद्धि देकर वेतन तय किया गया, जबकि वर्ष 2001 और 03 में नियुक्त संविदा शिक्षकों को नई नियुक्ति मानकर न्यूनतम वेतन दिया गया। इससे दोनों के योग वेतन में अंतर है। वेतन तय करने गठित डीपी दुबे कमेटी ने 750 से कम वेतन बढ़ने पर एक वेतनवृद्धि अतिरिक्त देने की अनुशंसा की थी। इसका लाभ सिर्फ सहायक अध्यापकों को मिला। वर्ग 1 और 2 इससे वंचित रहे।
वित्त को करना था वेतन तय
लोक शिक्षण संचालनालय (डीपीआई) ने 'अध्यापक-संविदा शिक्षक सेल" के अफसर से वेतन निर्धारित कराया। अध्यापकों का आरोप है कि इस सेल से जारी होने वाले हर पत्रक में संशोधन करना पड़ा है। वे कहते हैं यह वित्त विभाग का काम था और उसी से कराना था।
नियमित कर्मचारियों का ही फॉर्मूला लगाना पड़ेगा
सरकार गुच्छ (बंचिंग) नियम के तहत वेतन निर्धारित कर रही है। इसमें कनिष्ठ का वेतन वरिष्ठ से ज्यादा होने या दो संवर्ग का वेतन एक समान होने पर दो स्टेजों को मिलाकर वेतन तय होता है। अध्यापकों को इसी से दिक्कत है। क्योंकि इसमें वरिष्ठ को भी कनिष्ठ के वेतन में रखा जाएगा। वहीं सरकार नियमित कर्मचारियों से इतर वेतन तय नहीं कर सकती है।
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अध्यापक प्रस्तावित नई गणना में वेतन कम होना बता रहे हैं, लेकिन समझा नहीं पा रहे कि कैसे कम हो जाएगा। उनसे लिखित में तर्क मांगा, वह भी नहीं दिया। इसमें नियमित कर्मचारियों का फॉर्मूला लगा रहे हैं।
दीप्ति गौड़ मुकर्जी, सचिव, स्कूल शिक्षा विभाग
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अध्यापकों का वेतन वार्षिक आधार और 1.86 फॉर्मूले पर तय नहीं हो सकता। इसके लिए दिसंबर-15 के वेतन को आधार बनाना पड़ेगा। 2006 में जो वेतन शिक्षक संवर्ग को दिया है, वह हमें दे दे। ऐसा नहीं हुआ, तो रात में धरना देंगे और जेलें भर देंगे।
भरत पटेल, अध्यक्ष, मप्र आजाद अध्यापक संघ