
मुख्यमंत्री पी. विजयन द्वारा इस कदम को गलत ठहराए जाने के बाद हड़ताल वापस ले ली गई। अधिकारियों के प्रतिनिधियों से मुलाकात के बाद मुख्यमंत्री ने कहा, "ऐसा नहीं होना चाहिए। प्रशासन के प्रमुख पदों पर आसीन उच्चाधिकारियों का इस तरह का फैसला किसी भी तरह तर्कसंगत नहीं कहा जा सकता।
एक अधिकारी को आकस्मिक अवकाश लेने का अधिकार होता है, लेकिन अगर यह विरोध का रूप ले तो सरकार को इस पर असंतोष जताना ही होगा।" मुख्यमंत्री ने कहा कि उनका विरोध सतर्कता विभाग की जांच से जुड़ा है। सरकार का मानना है कि कोई भी जांच भेदभाव रहित होनी चाहिए।
राज्य में सतर्कता विभाग ने पहली बार किसी आइएएस अधिकारी के खिलाफ जांच नहीं की है। पूर्व में भी ऐसा हुआ है। दोषी अधिकारियों को सस्पेंड भी किया गया है। जांच को लेकर अपने विचार रखना स्वाभाविक है, लेकिन उसे विरोध का रूप नहीं देना चाहिए।