शिक्षामंत्री ने स्कूली बच्चों से बंटवाई चुनाव प्रचार सामग्री

नईदिल्ली। आमतौर पर कहा जाता है कि राजनेता अपनी राजनीति चमकाने के लिए किसी भी हद तक जा सकते हैं. इसी का उदाहरण देखने को मिला श्रीनगर गढ़वाल के निकट चौरास में जहां उच्चीकृत स्कूल का उद्घाटन करने पहुंचे प्रदेश के शिक्षामंत्री नईम अख्तर अपनी मौजूदगी में स्कूली बच्चों से अपने चुनाव प्रचार का कलेंडर बच्चों और अभिभावकों को बंटवाते रहे.

इतना ही नहीं स्कूल के मंच का राजनीतिक इस्तेमाल से भी बच्चों को कुछ ज्ञान की बातों को बताने की जगह मंत्रीजी खुद को जीतवाने की अपील करते दिखे. खास बात यह रही कि स्कूलों में छुट्टी होने के बावजूद बच्चों को विशेषतौर पर उनके घरों से बुलाया गया था जिसमें शिक्षा विभाग के अधिकारियों व शिक्षकों की उपस्थिति में ही बच्चे मंत्रीजी का चुनावी प्रचार करते दिखे.

शिक्षामंत्री के जिन चुनावी प्रचार कैलेंडर के गट्ठरों को को स्कूली बच्चे किसी तरह ढोते हुए अभिभावकों और अन्य स्कूली बच्चों को बांटते दिखे उसमें शिक्षा व पेयजल मंत्री और देवप्रयाग विधायक मंत्री प्रसाद नैथानी हर क्षेत्र में विकास और हर घर तक पानी पहुंचाने के दावे करते दिखाई देते हैं.

कैलेंडर में नैथानी ने अपने विधानसभा क्षेत्र देवप्रयाग में चहुंमुखी विकास के दावे करते हुए लोगों से आने वाले चुनाव में मतदाताओं से प्यार, सहयोग और चुनाव में जिताने के लिए आशीर्वाद देने की मांग की है. इतना ही नहीं नैथानी लोगों को खुद से जोड़ने के लिए कैलेंडर में दिये गए एक मोबाइल नम्बर पर मिस कॉल कर जुड़ने का आह्वान भी करते दिखाई दे रहे हैं.

कैलेंडर में संगम नगरी देवप्रयाग को देवप्रयाग विधानसभा के प्रतीक के रूप में फोटो के माध्यम से दिखाया गया है जिसमें नैथानी की खुद की और मुख्यमंत्री की फोटो चस्पा की गई है. जैसे ही मंत्रीजी के मंच से बोलने की बारी आयी तो मंत्रीजी कैसे मंच का इस्तेमाल अपने चुनावी फायदे के लिए न करते, इसलिए उन्होंने कैलेंडर में दिये गए नम्बर को बताते हुए उनसे जुड़ने व एक बार और जीताने की अपील कर डाली.

इस बारे में जब मंत्रीजी से पूछा गया तो उनका कहना था कि ''ये तो सभी करते हैं, कोई नई बात नहीं है और मैं भी कोई पहली बार कैलेंडर नहीं बंटवा रहा हूं और ना ही कैलेंडर में मोबाईल नम्बर ही पहली बार दे रहा हूं.'' उनका कहना है कि फैसला तो जनता को करना है और चुनाव की रणभेरी बजने वाली है और जनता से अपील है कि फिर से हमें मौका दें.

शिक्षा विभाग में सिफारिशी तबादलों के हालिया मामलों पर उन्होंने कहा कि जो भी तबादले हुए हैं वो नियमों के तहत और बिना पक्षपात के हुए हैं. उन्होंने कहा कि राज्य के शिक्षा विभाग की ट्रांसफर पॉलिसी को तीन-चार राज्य लागू करने जा रहे हैं जो खुशी की बात है.

उन्होंने माना कि विभाग की स्थानांतरण प्रक्रिया में अभी भी बहुत सारी कमियां मौजूद हैं लेकिन जितनी कमियां थीं, उनमें से 90 फीसदी को दूर कर लिया गया है जबकि 10 प्रतिशत कमियां अभी भी बाकि हैं जिन्हें भी दूर किया जायेगा.
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