चुनाव: प्रत्याशियों को पूरे परिवार की कुण्डली जमा करानी होगी

नई दिल्ली। यदि सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग की बात मान ली तो चुनावों में प्रत्याशी को केवल अपनी नहीं बल्कि अपने पूरे परिवार की कुण्डली जमा करानी होगी। प्रत्याशी के पूरे परिवार के आय के साधन, वार्षिक आय, संपत्ति और देनदारियां इत्यादि नामांकन पर्चे में दर्ज करनी होंगी। 

चुनाव आयोग ने जन प्रतिनिधित्व अधिनियम में भी संशोधन की मांग की ताकि किसी उम्मीदवार को न सिर्फ तब अयोग्य ठहराया जा सके जब उसका सरकार के साथ अनुबंध चल रहा हो, बल्कि तब भी अयोग्य ठहराया जा सके जब उसके परिवार के किसी सदस्य का भी इसी तरह का वित्तीय समझौता हो।

चुनाव आयोग के हलफनामे में क्या
सुप्रीम के समक्ष दायर हलफनामे में चुनाव आयोग ने कहा कि स्वस्थ लोकतंत्र के लिए यह जरूरी है कि मतदाताओं को उम्मीदवारों और उनके परिवार के सदस्यों की आय के स्रोत का पता चले। मौजूदा कानून के तहत किसी उम्मीदवार को अपना, अपनी पत्नी और तीन आश्रितों की संपत्तियों और देनदारियों का नामांकन पत्र भरने के दौरान फार्म 26 में खुलासा करना होता है लेकिन आय के स्रोत का खुलासा नहीं करना होता है।
आयोग ने कहा, चुनाव हलफनामे का मौजूदा फॉर्मेट उम्मीदवार और उसके परिवार के सदस्यों की आय के स्रोत के संबंध में कोई सूचना नहीं देता है ताकि मतदाता यह राय बना सकें कि पिछले चुनाव से उम्मीदवार की आय में वृद्धि तर्कसंगत है या नहीं।
यह दलील एनजीओ लोक प्रहरी की उस जनहित याचिका के जवाब में आई है, जिसमें अदालत से जन प्रतिनिधित्व अधिनियम में संशोधन करने का निर्देश देने की मांग की गई है ताकि उम्मीदवारों के लिए अपनी और अपने परिवार के सदस्यों की आय के स्रोत का खुलासा करना अनिवार्य बना दिया जाए।

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